हर‍ियाणा व‍िधानसभा चुनाव की बढ़ती सरगर्म‍ियों के बीच अहीरवाल की अटेली विधानसभा सीट इन दिनों जबरदस्त चर्चा में है क्योंकि यहां से एक ही पर‍िवार के दो नेता चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। ये नेता चचेरे भाई-बहन भी हैं।

इस ऐलान के बाद दक्षिणी हरियाणा यानी अहीरवाल की अटेली सीट पर राजनीतिक जंग दिलचस्प होने वाली है।

कौन हैं भाई-बहन?

गुरुग्राम सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ऐलान कर चुके हैं कि उनकी बेटी आरती राव अटेली से चुनाव लड़ेंगी। खुद आरती भी कह चुकी हैं क‍ि अटेली उनकी पहली पसंद होगी। वह बीजेपी का ट‍िकट नहीं म‍िलने की सूरत में भी चुनाव लड़ने का संकेत दे चुकी हैं। राव इंद्रजीत सिंह के भाई राव अजीत सिंह के बेटे राव अभिजीत सिंह ने भी इस सीट से चुनाव लड़ने का बिगुल बजा दिया है।

निश्चित रूप से अगर बीजेपी आरती राव को टिकट दे देती है तो विधानसभा चुनाव में एक ही परिवार के दो लोगों में जबरदस्त लड़ाई देखने को मिल सकती है और ऐसे में रामपुरा हाउस के राजनीतिक वारिस एक दूसरे के आमने-सामने होंगे।

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राव इंद्रजीत सिंह, कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा।

फिर चर्चा में है रामपुरा हाउस

अहीरवाल की राजनीति में रेवाड़ी के रामपुर हाउस की अपनी सियासी धमक है। रामपुर हाउस हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह का घर है। राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री रहे थे। राव इंद्रजीत सिंह और राव अजीत सिंह उनके बेटे हैं।

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि उन्होंने आरती राव के लिए 2014 और 2019 में भी रेवाड़ी सीट से विधानसभा का टिकट मांगा था लेकिन तब पार्टी ने उनकी बेटी को टिकट नहीं दिया था क्योंकि बीजेपी तब परिवारवाद को लेकर लगने वाले किसी भी आरोप से बचना चाहती थी। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह और आरती राव के ऐलान के बाद भाजपा नेतृत्व के माथे पर चिंता की लकीर जरूर आ गई है क्योंकि कई नेता इस सीट से टिकट मांग रहे हैं।

समर्थकों के लिए भी टिकट चाहते हैं राव इंद्रजीत सिंह

राव इंद्रजीत सिंह न सिर्फ अटेली बल्कि गुरुग्राम, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिले में कुछ और सीटों पर भी अपनी पसंद के उम्मीदवारों को टिकट दिलाने के लिए जोर लगा रहे हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि वह कई बार विधायक और सांसद बन चुके हैं और अब नई पीढ़ी को आगे लाना चाहते हैं।

अहीरवाल में गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, पटौदी, नारनौल, नांगल चौधरी, बावल, कोसली और अटेली विधानसभा सीटें आती हैं।

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किरण चौधरी और आरती सिंह राव। (Source-FB)

अटेली में बीजेपी में हैं कई दावेदार

बीजेपी के लिए अटेली में टिकट बांटना आसान नहीं होगा क्योंकि यहां से मौजूदा विधायक सीताराम यादव भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा विधानसभा की पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव भी टिकट चाहती हैं और लगातार संपर्क कर रही हैं।

पिछली बार बीजेपी ने संतोष यादव का टिकट काट दिया था। इन नेताओं के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ राजनीति करते रहे नरेश यादव भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

आरती के लिए क्यों चुनी अटेली सीट?

लोकसभा चुनाव में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से जीते बीजेपी के चौ. धर्मबीर सिंह को कांग्रेस उम्मीदवार राव दान सिंह से अटेली में 19503 वोटों की लीड मिली थी। इसलिए राव इंद्रजीत सिंह को अपनी बेटी आरती राव के लिए अटेली सीट ही सुरक्षित लगी है। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह की जीत का अंतर काफी कम हो गया है।

2019 में राव इंद्रजीत सिंह 3.86 लाख वोटों से जीते थे जबकि इस बार उनकी जीत का अंतर 75 हजार वोटों का ही रह गया था।

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नायब सिंह सैनी के कंधों पर बीजेपी को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है। (Source-NayabSainiOfficial)

मुश्किल में फंस गई बीजेपी

बीजेपी के लिए मुश्किल इस बात की है कि वह अगर आरती राव को यहां से उम्मीदवार बनाती है तो उसे सीताराम यादव का टिकट काटना होगा। इसके अलावा अन्य दावेदारों को भी मनाना होगा। अगर वह सीताराम यादव का टिकट नहीं काटती है तो आरती राव इस बात का ऐलान कर चुकी हैं कि वह बीजेपी के टिकट के बिना भी विधानसभा का चुनाव जरूर लड़ेंगी। निश्चित रूप से ऐसी स्थिति में बीजेपी में बगावत हो सकती है।

राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल की राजनीति में बड़ा नाम हैं। कुछ दिन पहले जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महेंद्रगढ़ में आयोजित ओबीसी सम्मेलन में आए थे तो उन्होंने मंच पर मौजूद हरियाणा बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के सामने अहीरवाल की राजनीति में राव इंद्रजीत सिंह की भूमिका का उल्लेख किया था। शाह ने कहा था कि दक्षिणी हरियाणा यानी अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह बीजेपी की बड़ी ताकत हैं।

राव इंद्रजीत सिंह मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री न बनाए जाने को लेकर अपनी नाराजगी को जाहिर कर चुके हैं। ऐसे अहीरवाल में टिकट बांटने को लेकर बीजेपी को राव इंद्रजीत सिंह की पसंद को अहमियत देनी ही होगी क्योंकि वह लोकसभा चुनाव में मिले झटके के बाद राव इंद्रजीत जैसे बड़े नेता को नाराज करने का जोखिम नहीं लेना चाहेगी। 

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बादशाहपुर में किसे टिकट देगी बीजेपी।

राव अभिजीत के भाई ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था चुनाव

राव अभिजीत सिंह के भाई अर्जुन राव ने 2019 में अटेली विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गए थे। उसके बाद भी वह अटेली से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन पिछले साल उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद राव अभिजीत सिंह ने अटेली में ताल ठोक दी है। राव अभिजीत सिंह नारनौल से गुरुग्राम तक यात्रा भी निकाल चुके हैं।

कांग्रेस की ओर से पूर्व सीपीएस अनीता यादव, पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह भी टिकट की दौड़ में हैं।

अटेली में बसपा भी है फैक्टर

अटेली में बसपा का भी वजूद है। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार ठाकुर अतरलाल दूसरे नंबर पर रहे थे। उन्हें सीताराम यादव से 19 हजार वोटों से हार मिली थी। इस बार भी ठाकुर अतरलाल बसपा से टिकट के दावेदार हैं। जेजेपी से अभिमन्यु राव भी चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।