एशियन पेंट्स (Asian Paints) के को-फाउंडर अश्विन दानी (Ashwin Dani) का गुरुवार (28 सितंबर, 2023) को निधन हो गया। उनकी आयु 81 वर्ष थी। वह कंपनी के बोर्ड सदस्य के साथ-साथ नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी थे। एशियन पेंट्स देश की सबसे बड़ी पेंट्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है।
अमेरिका से की थी केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई
अश्विन दानी का जन्म 26 सितंबर, 1944 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1966 में मुंबई विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री से साइंस में ग्रेजुएशन किया था। मास्टर ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अमेरिका के एक्रोन विश्वविद्यालय गए थे। दानी ने अपने करियर की शुरुआत डेट्रॉइट में इनमोंट कॉर्प में डेवलपमेंट केमिस्ट के रूप में की थी। बाद में परिवार के स्वामित्व वाले व्यवसाय को संभालने के लिए भारत आ गए।
दानी एशियन पेंट्स से 1968 में जुड़े थे। कंपनी के बोर्ड में उन्हें साल 1970 में जगह मिली। दानी ने 1998 और 2009 के बीच कंपनी के वाइस-चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर का पद संभाला। बाद में वह नॉन एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और वाइस-चेयरमैन के रूप में बोर्ड में बने रहे।
अश्विन दानी ने इना दानी से शादी की थी। उनके तीन बच्चे हैं। बेटा मालव दानी वर्तमान में एशियन पेंट्स के बोर्ड में है। अश्विन दानी ने अपने कार्यकाल के दौरान कंपनी को कस्टमर सेंट्रिक बनाया। उन्होंने ग्राहकों की प्राथमिकताओं को कंपनी की प्राथमिकता बनाई। इससे कंपनी को मार्केट में मौजूद दूसरी कंपनियों को टक्कर देने में आसानी हुई। फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक 2023 में अश्विन दानी का नेटवर्थ 7.1 बिलियन डॉलर है।
ब्रिटिश कंपनियों ने तकनीक देने से कर दिया इनकार
आज एशियन पेंट्स दुनिया की अग्रणी पेंट कंपनियों में से एक है। दानी ने एक कार्यक्रम में कहा था, “भारत में हमारी सफलता का कारण यह है कि जब मैंने पेंट उद्योग में प्रवेश किया, तो शीर्ष सात पेंट कंपनियों में एशियन पेंट्स एकमात्र भारतीय कंपनी थी और बाकी सभी ब्रिटिश थीं। उस समय कोई भी कंपनी हमें टेक्नोलॉजी नहीं देना चाहती थी। हमारे अध्यक्ष ने मुझसे कहा कि आत्मनिर्भर होने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।” दानी ने भारत के उभरते मध्यम वर्ग की मांग को भुनाते हुए देश के पेंट उद्योग के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
क्या है एशियन पेंट्स का इतिहास?
बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एशियन पेंट्स भारत की सबसे बड़ी और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी पेंट कंपनी है। कंपनी का दावा है कि वह 22 देशों में बिजनेस करती है।
एशियन पेंट्स की स्थापना की कहानी बेहद दिलचस्प है। कंपनी की स्थापना फरवरी 1942 में तत्कालीन बॉम्बे (अब मुंबई) के चार दोस्तों – चंपकलाल एच चोकसी, सूर्यकांत सी. दानी, अरविंद आर. वकील और चिमनलाल एन. चोकसी ने की थी। ये सभी जैन परिवारों से थे।
सूर्यकांत सी. दानी, अश्विन दानी के पिता थे। जब एशियन पेंट्स की स्थापना हुई, तो इसका नाम ‘The Asian Oil & Paint Company’ था। द्वितीय विश्व युद्ध और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पेंट आयात पर अस्थायी प्रतिबंध के कारण बाजार में केवल विदेशी कंपनियां और शालीमार पेंट्स बची थीं। एशियन पेंट्स ने बाजार में कदम रखा और 1952 में ₹23 करोड़ का बिजनेस किया। 1967 तक यह देश की अग्रणी पेंट निर्माता बन गई।
चारों परिवारों के पास कंपनी के अधिकांश शेयर थे। लेकिन 1990 के दशक में जब कंपनी का विस्तार भारत से बाहर हुआ तो वैश्विक अधिकारों को लेकर विवाद शुरू हो गया। विवादों के परिणामस्वरूप चोकसी ने अपने 13.7% शेयर बेच दिए और 1997 में कंपनी से बाहर हो गए।
