लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही बीजेपी की सबसे बड़ी चिंता उत्तर प्रदेश को लेकर है। पार्टी का राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व लगातार इस बात पर मंथन कर रहा है कि आखिर एनडीए के सहयोगी दलों के साथ मिलकर सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का दावा कर रही बीजेपी को इतना बड़ा झटका क्यों लगा और मतदाताओं ने इंडिया गठबंधन के दलों- सपा और कांग्रेस पर ज्यादा भरोसा क्यों जताया?
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में 80 में से 62 सीटें जीती थीं, वहीं 2024 में 33 पर सिमट गई। बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) की नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि उन्हें बीजेपी के बुरे प्रदर्शन का अहसास हो गया था और उन्होंने भाजपा को आगाह भी किया था, लेकिन बीजेपी यह समझ नहीं पाई कि इतना बड़ा ‘अंडरकरंट’ है।
यूपी में किसे मिली कितनी सीटें
बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने द इंडियन एक्सप्रेस के ‘आइडिया एक्सचेंज’ कार्यक्रम में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत का मार्जिन कम होने का भी जो कारण बताया, वह हैरान करने वाला है।
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 33 | 62 |
सपा | 37 | 5 |
कांग्रेस | 6 | 1 |
बीएसपी | 0 | 10 |
रालोद | 2 | – |
अपना दल (एस) | 1 | 2 |
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) | 1 | – |
विपक्ष के नैरेटिव से हुआ नुकसान: पटेल
आइडिया एक्सचेंज कार्यक्रम की होस्ट, लिज मैथ्यू के एक सवाल के जवाब में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि चुनाव के दौरान हमारा एजेंडा विकास का था और सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन विपक्षी पार्टियों ने संविधान को लेकर फर्जी नैरेटिव चलाया और उत्तर प्रदेश और बिहार में इसका जोर-शोर से प्रचार भी किया कि एनडीए की अगुवाई कर रही बीजेपी 400 से ज्यादा सीटें जीत जाती है तो वह संविधान को बदल देगी और आरक्षण को खत्म कर देगी।

अनुप्रिया पटेल ने इस बात को स्वीकार किया कि समाज के वंचित तबके के लोग विपक्ष के इस बहकावे में आ गए और हम समय रहते और प्रभावशाली ढंग से इसका जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस नैरेटिव की वजह से लोगों में कुछ नाराजगी थी और यह सपा और कांग्रेस को मिली सीटों के रूप में दिखाई दी।
सात केंद्रीय मंत्री हारे चुनाव
लोकसभा सीट | हारे हुए पूर्व मंत्री का नाम | हार का अंतर |
अमेठी | स्मृति ईरानी | 1.67 लाख |
चंदौली | महेंद्र नाथ पांडे | 21,565 |
मुजफ्फरनगर | संजीव बालियान | 24,672 |
लखीमपुर खीरी | अजय मिश्रा टेनी | 34,329 |
फतेहपुर | साध्वी निरंजन ज्योति | 33,199 |
जालौन (एससी) | भानु प्रताप सिंह वर्मा | 53,898 |
मोहनलालगंज (एससी) | कौशल किशोर | 70,292 |
बीजेपी के लोग जमीनी हालात नहीं समझ पाए
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के तीसरे और चौथे चरण के दौरान हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमें बताया था कि लोग आरक्षण और संविधान को लेकर बनाए गए नैरेटिव पर भरोसा कर रहे थे और अंतिम चरण के चुनाव तक उत्तर प्रदेश के सभी जिलों और सीटों से इस तरह का मजबूत फीडबैक सामने आया था।
अनुप्रिया पटेल का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में बीजेपी के नेताओं तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें ऐसा लगता है कि बीजेपी के लोग इस बात को नहीं समझ सके कि यह मुद्दा जमीन पर कितना मजबूत हो चुका है।
वाराणसी में भी पड़ा असर
इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत का अंतर काफी घटा है। इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि लोगों को एक नेता के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता पर कोई शक नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के द्वारा फैलाई गई गलत सूचनाओं का वाराणसी के मतदाताओं पर असर पड़ा। मतदाताओं को यह समझाने वाला कोई नहीं था कि संविधान में संशोधन और आरक्षण को खत्म करने की बात बेतुकी है और हम ऐसा नहीं कर सकते। पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री का तीसरी बार चुनाव जीतना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।
लोकसभा सीट | उम्मीदवार का नाम | 2019 में जीत का अंतर | 2024 में जीत का अंतर |
वाराणसी | नरेंद्र मोदी | 4.79 लाख | 1.52 लाख |
लखनऊ | राजनाथ सिंह | 3.47 लाख | 1.3 लाख |
योगी सरकार को किया था असहज
अनुप्रिया पटेल ने कुछ दिन पहले अपने बयानों से योगी आदित्यनाथ सरकार को मुश्किल स्थिति में डाल दिया था। अनुप्रिया ने एससी, एसटी और ओबीसी के अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलने और उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि वह पिछड़े-दलितों के मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगी।
अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल भी योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक में कहा है कि कभी-कभी अति आत्मविश्वास का खामियाजा भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अति आत्मविश्वास ने 2024 के चुनाव में बीजेपी की उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया।

मौर्य का ‘संगठन बड़ा है’ वाला बयान चर्चा में
उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में दिया गया यह बयान चर्चा में है कि संगठन सरकार से बड़ा है। मौर्य ने अपनी बात पर और जोर दिया और कहा कि संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और बड़ा रहेगा। मौर्य के इस बयान पर वहां मौजूद भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जोर-शोर से तालियां बजाई।
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद केशव प्रसाद मौर्य लगभग एक महीने तक दिल्ली में ही रुके थे और तब इसे लेकर भी कई तरह की चर्चाएं सामने आई थी।