बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार अनुपम खेर (Anupam Kher) बचपन में सिनेमा हॉल में ही एक लड़की को दिल दे बैठे थे। 1960-70 के दशक की बात है। तब अनुपम खेर शिमला (Shimla) में रहा करते थे। इसी दौरान भारत सरकार के परिवार नियोजन विभाग ने नाभा हाउस हॉल में फिल्म दिखाने का कार्यक्रम रखा।
फिल्म का नाम उपकार (Upkar) था। प्रमुख भूमिका में मनोज कुमार (Manoj Kumar) थे। फिल्म में नायक किसान परिवार से होता है। बाद में सैनिक बन जाता है। जब दुश्मन हमला करते हैं तो वह देश की रक्षा करता है। फिल्म की कहानी लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) के नारे ‘जय जवान जय किसान’ पर आधारित थी।
देशभक्ति फिल्म में आया रोमांटिक सीन
अनुपम खेर ने अपनी आत्मकथा ‘जीवन के अनजाने सबक’ में लिखा है, ”फिल्म शो के दौरान मेरे बगल में एक लड़की बैठी थी। मैं यहां यह बता देना चाहता हूं कि उन दिनों भी हम बच्चे उतने मासूम नहीं होते थे जितना मासूम हम लोगों को समझा जाता था। फिल्म में जब एक रोमांटिक सीन आया तो मैंने चुपके से उसका हाथ पकड़ लिया- हाँ, उस देशभक्ति वाली फिल्म में भी एक ऐसा सीन था।”
लड़की ने घर जाकर लिखा खेर को खत
अनुपम खेर बताते हैं कि, ”जब फिल्म खत्म हुई तो लड़की अपने घर गई और मैं अपने घर। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई, बल्कि यहां से बात शुरू हुई। अगले दिन लड़की का छोटा भाई मेरे लिए एक चिट्ठी लेकर आया। हमारे आस-पड़ोस में एक तरह से सभी लोग सभी को जानते थे, इसलिए स्कूल में मुझे खोज पाने के लिए शेरलॉक होम्स जैसा होने की जरूरत नहीं थी।”
लड़की ने अपने भाई को बोलकर भेजा था कि चिट्ठी का जवाब भी लेकर आना। खेर ने पत्र खोला। पत्र हिंदी में था। शब्दों को पढ़कर वह रोमांच से भर गए।” पत्र में लिखा था, मेरे प्रिय अनुपम, जबसे मैंने तुमको देखा है ना रातों को नींद आती है, न दिन को चैन…
बाद में अनुपम के घर वालों को इस प्रसंग का पता चल गया था और उसके बाद कहानी पर विराम लग गया था।