राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा में बीते दिनों इजाफा कर दिया गया। उनकी सुरक्षा में एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) का घेरा बढ़ाया गया है। भागवत को पहले से ही जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है। अभी तक ASL की सुरक्षा सिर्फ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास ही थी।
जानिए, ASL सुरक्षा के बारे में
ASL की सुरक्षा जिस शख्स को मिलती है, यह उसकी सुरक्षा की तैयारी और प्रबंधन से जुड़ी होती है। यह सुरक्षा जिस शख्स के पास होती है, उसे जिस जगह जाना होता है, उससे पहले एक विशेष टीम वहां पहुंचकर सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेती है।
यह टीम सुरक्षा इंतजामों में क्या खामियां हैं, इसकी भी पहचान करती है और स्थानीय पुलिस के साथ तालमेल बनाकर काम करती है।
ASL प्रोटोकॉल के तहत जिस शख्स को सुरक्षा मिली होती है, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य महकमा और अन्य स्थानीय एजेंसियां भी मदद करती हैं। इस सुरक्षा को हासिल करने वाला शख्स कई स्तर के सुरक्षा घेरों के बीच में रहता है।
10 लोगों के पास है जेड प्लस सिक्योरिटी
भारत में अभी तक 10 लोगों को जेड प्लस सिक्योरिटी हासिल है। यह सबसे बड़ा सुरक्षा कवर है जिसमें सीआईएसएफ के जवान शामिल होते हैं। इसके अलावा जेड प्लस सुरक्षा हासिल करने वाले कुछ लोगों के पास अतिरिक्त ASL सुरक्षा होती है और ऐसा उन लोगों को होने वाले खतरे के आधार पर किया जाता है।
नागपुर में स्थित आरएसएस के मुख्यालय और दिल्ली में स्थित आरएसएस के दफ्तर केशव कुंज को भी सीआईएसएफ की सुरक्षा हासिल है। सीआईएसएफ देशभर में लगभग 200 लोगों को अलग-अलग लेवल की सुरक्षा देता है।

हमले का मिला था इनपुट
सुरक्षा एजेंसियों को हाल ही में इस बात का इनपुट मिला था कि कुछ प्रतिबंधित संगठन आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत पर हमला कर सकते हैं। अभी तक मोहन भागवत को कुछ जगहों पर ही ASL की सुरक्षा मिलती थी लेकिन जब केंद्रीय एजेंसियों को इसमें कुछ खामियां मिली तो गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा की समीक्षा करने का आदेश दिया।
सुरक्षा की समीक्षा पूरी होने के बाद और मोहन भागवत को होने वाले खतरे के आकलन के बाद 16 अगस्त को इस संबंध में ताजा दिशा-निर्देश जारी किए गए। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाए जाने के संबंध में सूचना दी जा चुकी है।