कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन से बाहर निकल रही थीं, तभी महिला रिपोर्टर ने उनसे पूछा, क्या आप अधीर रंजन चौधरी को माफी मांगने के लिए कहेंगी? सोनिया सवाल को नजरअंदाज कर आगे बढ़ने लगीं। रिपोर्टर ने सवाल दोहराया – क्या आप अधीर रंजन चौधरी को माफी मांगने के लिए कहेंगी? इस बार भी सोनिया आगे बढ़ती रहीं। जब एक ही सवाल तीसरी बार पूछा गया तो सोनिया ने महिला रिपोर्टर को गुस्से से देखते हुए एक वाक्य में जवाब दिया- He Has Already Apologised (उन्होंने पहले ही माफी मांग ली है)
सोनिया गांधी का गुस्सा कई मसलों का समुच्चय मालूम पड़ता है। इधर पिछले कई दिनों से नेशनल हेराल्ड केस में ईडी सोनिया से पूछताछ कर रही है। पिछली पूछताछ 27 जुलाई यानी कल ही हुई थी। इस बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के ताजा बयान ने पार्टी के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है। कल सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर प्रदर्शन कर रहे अधीर रंजन ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी बोल दिया।
भाजपा ने इस बयान को लपकते हुए कांग्रेस को महिला विरोधी और आदिवासी विरोधी बताया है। सदन में भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए ‘सोनिया गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाए। इसी नोक-झोंक के बाद सोनिया सदन से बाहर निकलीं और रिपोर्टर के सवाल से उनका साबका हो गया। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब सोनिया इस तरह गुस्सा हुईं हो। आइए जानते हैं ऐसे मौकों के बारे में जब सोनिया गांधी बेहद गुस्सा हुईं…
जब आडवाणी के बायन पर आग बबूला हुईं थी सोनिया
केंद्र में यूपीए-2 की सरकार थी। 8 अगस्त 2012 को मानसून सत्र का पहला ही दिन था। सदन में असम हिंसा को लेकर बहस हो रही थी। तभी भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने यूपीए सरकार के विश्वासमत का जिक्र करते हुए उसे illegitimate (अवैध) कह डाला। आडवाणी के इस बयान के बाद सोनिया गांधी आग बबूला हो गई थीं। उन्होंने सदन के हंगामे बीच चिल्लाते हुए कहा- withdraw, withdraw, withdraw यानी आडवाणी अपना बयान वापस लें। काफी देर की बहस के बाद आखिरकार आडवाणी को अपना बयान वापस लेना पड़ा, तब जाकर सोनिया का गुस्सा शांत हुआ।
जब अधीर रंजन के बयान पर गुस्सा हुईं सोनिया
अगस्त 2019 में सदन में जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक पर बहस हो रही थी। कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक पर सवाल उठाते हुए कहा, केंद्र सरकार ने रातो-रात नियम कायदों को ताक पर रखकर जम्मू कश्मीर के टुकड़े कर दिए।
अमित शाह ने पूछा अधीर रंजन चौधरी स्पष्ट करें कि सरकार ने कौन सा नियम तोड़ा है। जवाब में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ”आपने अभी कहा कि कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन 1948 से UN अभी भी मॉनिटरिंग करता आ रहा है।” चौधरी के इस बयान पर सदन में उनके बगल बैठीं सोनिया गांधी बेहद गुस्से में नजर आईं। उस वक्त भी चौधरी के बयान से कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई थी।
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