लोकसभा चुनाव 2024 में पंजाब के दो मुख्य राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को अपने विधायकों से उम्मीद है कि वे लोकसभा में पार्टी का आंकड़ा बढ़ा सकते हैं। इन दोनों राजनीतिक दलों ने अपने कुल 12 विधायकों को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है। 117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा में यह आंकड़ा 10 प्रतिशत से ज्यादा है।
12 में से आम आदमी पार्टी के 9 और कांग्रेस के 3 विधायक लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। आप के 9 विधायकों में से 5 राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। आप के कुल 92 विधायक हैं। यानि, उसने हर दसवें विधायक को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतार रखा है।

पंजाब में पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 8 सीटों पर जीत मिली थी, शिअद, बीजेपी दो-दो सीटों पर और एक सीट पर आम आदमी पार्टी जीती थी। पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीटें हैं।
Punjab AAP: आप ने किस विधायक को कहां से दिया टिकट
विधायक का नाम | किस लोकसभा सीट से दिया टिकट |
गुरमीत सिंह खुड्डियां | बठिंडा |
गुरमीत सिंह मीत हेयर | संगरूर |
बलबीर सिंह | पटियाला |
कुलदीप सिंह धालीवाल | अमृतसर |
लालजीत सिंह भुल्लर | खडूर साहिब |
जगदीप सिंह काका बरार | फिरोजपुर |
अशोक पराशर पप्पी | लुधियाना |
अमनशेर सिंह | गुरदासपुर |
डॉ. राज कुमार | होशियारपुर |
कांग्रेस के लिए क्यों अहम है पंजाब?
पंजाब उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है, जहां पर 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था। 2019 में कांग्रेस को जब देशभर में कुल 52 सीटों पर जीत मिली थी तो कांग्रेस यहां 13 में से 8 सीटें जीती थी। पंजाब के अलावा तमिलनाडु और केरल में ही कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था। तमिलनाडु में गठबंधन में लड़ते हुए वह 8 सीटें जीती थी और केरल में उसे 15 सीटें मिली थी। इसलिए कांग्रेस पंजाब में अपने 2019 के प्रदर्शन को दोहराना चाहती है।
Amarinder Singh Raja Warring: कांग्रेस ने किस विधायक को कहां से दिया टिकट
विधायक का नाम | किस लोकसभा सीट से दिया टिकट |
सुखजिंदर सिंह रंधावा | गुरदासपुर |
अमरिंदर सिंह राजा वडिंग | लुधियाना |
सुखपाल सिंह खैरा | संगरूर |
Punjab AAP: आप को भी है पंजाब से उम्मीद
दिल्ली और पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी भी लोकसभा में अपना खाता खोलना चाहती है क्योंकि दिल्ली में उसका कोई लोकसभा सांसद नहीं है। जबकि पंजाब में उसे पिछली बार संगरूर सीट पर जीत मिली थी लेकिन उपचुनाव में वह यहां हार गई थी। जालंधर उपचुनाव में उसके टिकट पर जीते सुशील रिंकू भी इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। आप को उम्मीद है कि वह पंजाब में पिछले विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड जनादेश के दम पर लोकसभा में भी कुछ सीटें हासिल कर सकती है।

Punjab Congress: धड़ाधड़ पार्टी छोड़ रहे नेता
पंजाब में एक वक्त में पार्टी के बड़े चेहरों में शुमार पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला सीट से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री परणीत कौर इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर भी पार्टी के भीतर नाराजगी साफ तौर पर दिखाई दी थी। टिकट न मिलने से नाराज पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी, जालंधर से पूर्व सांसद चौधरी संतोष सिंह की पत्नी कर्मजीत कौर, पूर्व विधायक दलबीर सिंह गोल्डी ने पार्टी को अलविदा कह दिया था। इसके अलावा तीन बार सांसद रहे रवनीत सिंह बिट्टू विधायक डॉ. राजकुमार चब्बेवाल, विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी भी कांग्रेस छोड़कर दूसरे राजनीतिक दलों में शामिल हो गए थे।

कांग्रेस ने मैदान में उतारे बड़े नेता, बदली सीटें
कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने खराब प्रदर्शन से सबक लेते हुए इस बार बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है। साथ ही कुछ नेताओं की सियासी जमीन को भी बदला है। जैसे- 2019 के लोकसभा चुनाव में आनंदपुर साहिब सीट से जीतने वाले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी को इस बार चंडीगढ़ से टिकट दिया गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बठिंडा से चुनाव लड़ने वाले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को लुधियाना भेजा गया है। इसके अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को टिकट दिया गया है।
कांग्रेस ने दलित समुदाय से आने वाले और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को जालंधर से और सुखपाल सिंह खैरा को संगरूर सीट से चुनाव मैदान में उतारकर मजबूत मुकाबला करने की कोशिश की है।
बता दें कि पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 117 सीटों में से सिर्फ 18 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में वह 77 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। हालत इतनी खराब थी कि मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी दो सीटों से चुनाव हार गए थे।

Punjab Congress AAP Alliance: नहीं हो सका गठबंधन
पंजाब में इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन करने की बहुत कोशिश की लेकिन अंत में दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि दिल्ली में दोनों दलों का गठबंधन है और यहां आम आदमी पार्टी चार और कांग्रेस तीन सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है।
लंबे वक्त तक पंजाब की राजनीति में इस बात की भी चर्चा थी कि बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल में फिर से चुनावी गठबंधन हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बता दें कि बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब में मिलकर सरकार चलाई थी। लेकिन साल 2020 में कृषि कानूनों के चलते शिअद ने एनडीए छोड़ दिया था। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे दिया था।
Punjab Lok Sabha Chunav 2024: चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार
पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का और बीजेपी, शिअद का गठबंधन नहीं होने से कई सीटों पर चुनावी मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है। क्योंकि ये सभी दल पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी भी अकेले चुनाव मैदान में उतरी है।