IPE-Global और Esri-India की ओर से की गई स्टडी में जलवायु परिवर्तन को लेकर कई बड़ी बातें निकलकर सामने आई हैं। स्टडी से पता चला है कि भारत में पहले जिन जगहों पर बाढ़ आती थी, वहां पर अब सूखे वाले हालात हैं और पहले जहां पर सूखा पड़ता था अब वहां बाढ़ के हालात बन रहे हैं।
इस स्टडी में 1973 से 2023 तक के जलवायु परिवर्तन के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इससे पता चलता है कि भारत में 85% जिले ऐसे हैं जहां पर मौसम में हो रहे बदलावों का असर हो रहा है जबकि 45% जिलों में इस मामले में ‘स्वैपिंग’ (अदला-बदली) वाले हालात हैं।
स्टडी से यह बात भी सामने आई है कि हाल के दशकों में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी घटनाओं की आवृत्ति, तीव्रता और अनिश्चितता में चार गुना तक बढ़ोतरी हुई है और पिछले एक दशक में तो यह बढ़ोतरी पांच गुना तक हो गई है। निश्चित रूप से इस तरह के बड़े बदलाव भारत में मौसम को लेकर एक जोखिम वाली तस्वीर पेश कर रहे हैं।

1.47 अरब से ज्यादा लोगों पर होगा असर
IPE-Global में जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख और इस स्टडी को लिखने वाले अबिनाश मोहंती कहते हैं कि 2036 तक 1.47 अरब से ज्यादा भारतीय मौसम में हो रहे बदलावों से प्रभावित होंगे।
यह स्टडी बताती है कि पूर्वी जोन के जिले बाढ़ को लेकर बहुत ज्यादा संवेदनशील हैं और इसके बाद पूर्वोत्तर और दक्षिण जोन के जिलों का नंबर आता है। स्टडी के मुताबिक, दक्षिण भारत, खासकर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में सूखे के हालात में बढ़ोतरी हो रही है।
स्टडी से पता चला है कि बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और असम के 60 प्रतिशत से अधिक जिलों में मौसम में बदलाव की एक से ज्यादा घटनाएं हो रही हैं।
सूखे से प्रभावित हैं कई जिले
स्टडी से जानकारी सामने आई है कि भारत के दक्षिणी, पश्चिमी और मध्य इलाकों में पड़ने वाले जिले कृषि और मौसम संबंधी सूखे से प्रभावित हैं। उत्तरी भारत के जिले और कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ जिले जल संसाधनों से जुड़े सूखे से प्रभावित हैं। इस सूखे का पता नदियों, झीलों और भूमिगत पानी के लेवल के कम होने से चलता है।
Esri India के प्रबंधक निदेशक अगेन्द्र कुमार जलवायु संकट से निपटने में भौगोलिक सूचना प्रणालियों (GIS) के बारे में कहते हैं कि GIS से इस बारे में मदद मिल सकती है जिससे लोग जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को बेहतर तरीके से समझ सकें।
कदम उठाए जाने की जरूरत
ऐसे वक्त में भारत जब मौसम में होने वाले इन बदलावों से जूझ रहा है, ऐसे में यह स्टडी बताती है कि इस संबंध में जल्द से जल्द कदम उठाए जाने की जरूरत है जिससे लोगों को, उनकी आजीविका और साथ ही साथ अर्थव्यवस्था को जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से बचाया जा सके।
बीते दिनों में राजस्थान से लेकर गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में बारिश-बाढ़ का कहर देखने को मिला है। इस वजह से इन राज्यों में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। हिमाचल प्रदेश में कई सड़कें बंद हो गई हैं।