हरियाणा में लोकसभा की कुल 10 सीटें हैं। सभी सीटों पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा। प्रत्याशी लगातार मतदाताओं से मिल रहे हैं। वोट मांग रहे हैं। इस दौरान कई तरह की चीजें देखने को मिल रही हैं। कहीं नेताओं को फटकार लग रही है। कहीं नेता भावुक हो रहे हैं।

टिकट कटा तो रोने लगीं पूर्व सांसद श्रुति

गुरुवार (25 अप्रैल) देर शाम जारी कांग्रेस ने लोकसभा की आठ सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। कांग्रेस ने इस बार भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से श्रुति चौधरी (पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती) की जगह राव दान सिंह को टिकट दिया है। राव को पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है।

भिवानी-महेंद्रगढ़ बंसीलाल के परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती रही है। लेकिन इस बार, पार्टी ने जाट समुदाय से आने वाले मौजूदा भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह के खिलाफ ओबीसी समुदाय के सदस्य को मैदान में उतारते हुए अपनी रणनीति बदल दी है।

पार्टी के इस फैसले से श्रुति निराश हैं। पिछले दिनों दादा बंसीलाल की पैतृक सीट से टिकट कटने पर पूर्व सांसद श्रुति भावुक हो गईं। समर्थकों के बीच आंसू पोंछते हुए बोलीं- मैं सर्वे में सबसे ऊपर थी, लेकिन टिकट राव दान सिंह को दिया। बेटी को संभालते हुए तोशाम विधायक किरण चौधरी ने कहा-जैसे टिकट वितरण हुआ है, सबको पता है कि क्या हुआ है, लेकिन हम पार्टी से बंधे हैं।

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कांग्रेस की लिस्ट में हुड्डा के वफादार और समर्थक हावी

कांग्रेस की लिस्ट में हुड्डा के वफादार और समर्थक हावी नजर आए। हुड्डा के बेटे और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को फिर से रोहतक से मैदान में उतारा गया है, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महासचिव कुमारी शैलजा सिरसा सुरक्षित सीट से उम्मीदवार होंगी। शैलजा को सिरसा में हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर के खिलाफ खड़ा किया गया है। दीपेंद्र मौजूदा बीजेपी सांसद अरविंद कुमार शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में, शर्मा ने दीपेंद्र को लगभग 7,500 वोटों के मामूली अंतर से हराया था।

भाजपा नेता ने कांग्रेस उम्मीदवार को बताया गीदड़

कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ युवा नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को मैदान में उतारा है। खट्टर की तरह बुद्धिराजा भी पंजाबी समुदाय से आते हैं।

बुद्धिराजा को टिकट मिलने पर भाजपा नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने शेर के आगे गीदड़ डाल दिया है। बेचारा कमजोर आदमी है। पहले ही दिन उसका पता चला है कि वो भगौड़ा हो रखा है।

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बसपा प्रमुख मायावती। (Source- PTI)

भाजपा से आए नेता को नहीं मिला मौका

आम आकलन के विपरीत, कांग्रेस ने बृजेंद्र सिंह को हिसार सीट से मैदान में नहीं उतारा है। सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं और उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में हिसार से 2019 का संसदीय चुनाव जीता था। इसी साल मार्च में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस बार कांग्रेस ने हुड्डा के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश को हिसार से मैदान में उतारा है।

…राजनीति छोड़ देंगे- करण दलाल

अंबाला से पार्टी ने मौजूदा विधायक वरुण चौधरी को मैदान में उतारा है। वरुण हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष फूल चंद मुलाना के बेटे हैं, जो लंबे समय से हुड्डा के सहयोगी रहे हैं। सोनीपत से, पार्टी ने हुडा के सहयोगी सतपाल ब्रह्मचारी को मैदान में उतारा है, जबकि पूर्व राज्य मंत्री महेंद्र प्रताप को फरीदाबाद से मैदान में उतारा गया है।

फरीदाबाद में टिकट से वंचित रहे करण दलाल ने 29 अप्रैल को फरीदाबाद के गांव झाड़सेंतली में महापंचायत बुलाई है। पांच बार पलवल विधायक रहे दलाल पूर्व सीएम हुड्डा के समधी हैं। जाट नेता दलाल बोले- महापंचायत में जो आदेश होगा वो मानेंगे। दो साल से चुनाव की तैयारी कर रहा था। दलाल ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस में थे और हैं। टिकट को दबाव बनाना पड़े तो राजनीति छोड़ देंगे।

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बाएं से नरेंद्र मोदी, मायावती, जयंत चौधरी और अखिलेश यादव।

टिकट बँटवारे पर कांग्रेस का क्या कहना है?

हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से नौ पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस ने अभी तक गुड़गांव निर्वाचन क्षेत्र के लिए किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी उम्मीदवारों की जीत की संभावना जानने के लिए निर्वाचन क्षेत्रों में किए गए आंतरिक सर्वेक्षणों पर भरोसा करती है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की घोषणा करते समय जातिगत समीकरणों को भी ध्यान में रखा गया है।

गांव-गांव में भाजपा उम्मीदवारों की क्लास लगा रहे हैं किसान!

अंबाला लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया का किसानों ने विरोध किया है। 27 अप्रैल को अंबाला सिटी में प्रचार करने पहुंचीं बंतो के सामने किसानों ने सवालों की झड़ी लगा दी। किसानों के सवाल के आगे बंतो हाथ जोड़ खड़ी हो गईं।

भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के जिला अध्यक्ष गुरमीत सिंह माजरी सहित अन्य किसानों ने बंतो से यह सवाल पूछा कि जब अंबाला में आपदा हुई थी, तो सरकार कहां थी? किसान दिल्ली जा रहे थे, तो हरियाणा सरकार ने उन पर अत्याचार क्यों किया? उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

इस दौरान परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल ने किसानों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने किसानों की मांगों का समर्थन किया। इस अवसर पर, उनके साथ भाजपा के जिला अध्यक्ष मनदीप राणा और अन्य भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

बंतो कटारिया, हरियाणा की इकलौती भाजपा प्रत्याशी नहीं हैं, जिनका विरोध हुआ हो। बंतो से पहले रोहतक लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार डॉ. अरविंद शर्मा के खिलाफ किसान विरोध कर चुके हैं। लोकसभा क्षेत्र के टिटौली गांव में वोट मांगने गए शर्मा से किसानों ने पूछा कि वह पांच साल तक कहां थे? इसके बाद अरविंद शर्मा के समर्थकों किसानों को कांग्रेसी कह दिया। इससे मामला और बिगड़ गया और बात हाथापाई तक पहुंच गई। हिसार के भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला और सिरसा के भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर का भी किसान विरोध कर चुके हैं।