Bihar: सारण जिले (Saran District) में जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर बिहार के भाजपा सांसदों (BJP MPs) ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। राज्य की भाजपा ईकाई ने केंद्र सरकार (Central Government) से फैक्ट फाइंडिंग टीम (Fact-Finding Team) भेजने की मांग की है। साथ ही महागठबंधन सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने जहरीली शराब से हुई मौतों को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित मौत बताया है और मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है।

ब‍िहार में 2016 से शराबबंदी है। इसके बावजूद जहरीली शराब से मौतों की खबरें आती रहती हैं। सारण में हुई ताजा घटना में मौतों का आंकड़ा 50 के पार चला गया है। सीवान में भी करीब आधा दर्जन लोगों की मौत की खबर है। चार महीने पहले भी सारण में 18 लोगों की मौत हुई थी। लेक‍िन, आध‍िकार‍िक तौर पर इसे जहरीली शराब से मौत नहीं माना जा रहा है। आध‍िकार‍िक आंकड़े की बात करें तो पिछले छह सालों में जहरीली शराब के कारण बिहार में केवल 23 मौतों का र‍िकॉर्ड है। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में 1322 और गुजरात से 54 जानें गई हैं।

बिहार से ज्यादा गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा में मौत

देश भर में जहरीली शराब से पिछले छह सालों में करीब सात हजार लोगों की मौत हुई है। लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 से 2021 के बीच 6,954 लोगों ने जहरीली शराब पीकर अपनी जान गंवाई है। जहरीली शराब से सबसे अधिक लोगों की मौत मध्य प्रदेश में हुई है। एमपी में गत छह सालों में 1322 लोगों की जान गई है।

राज्य201620172018201920202021छह साल में कुल
मध्य प्रदेश1842164101902141081,322
कर्नाटक68256218268991041,013
पंजाब72170159191133127852
छत्तीसगढ़142104771156730535
हरियाणा16913516201013489
गुजरात25111310454
बिहार60096223
पूरे भारत में1,0541,5101,3651,2969477826,954

भाजपा सांसद का राज्य सरकार पर निशाना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सारण में जहरीली शराब से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा है कि, ”शराबबंदी के बावजूद पुलिस की मदद और संरक्षण से हर घर में नकली शराब की आपूर्ति की जाती है। अब तक ऐसी 15 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं।”

जो पीयेगा, वो मरेगा – नीतीश कुमार

सांसद आगे कहते हैं, ”सीएम का कहना है कि जो लोग शराब पीते हैं वे मरे या जेल जाएं। फिर भी जहरीली शराब बेचने वाले उनकी पार्टी के उम्मीदवार बन जाते हैं… जिस तरह से मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर विधानसभा में बात की, ऐसा लगता है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।”