साल 2024 में वैश्विक स्तर पर कई बड़े राजनीतिक परिवर्तन, अप्रत्याशित त्रासदियां और घटनाएं हुईं। चाहे वो बांग्लादेशी छात्रों का विरोध प्रदर्शन और शेख हसीना का निष्कासन हो, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हो या सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंकने की घटना, इन सबने दुनियाभर पर असर डाला। अब जबकि हम नए साल 2025 में प्रवेश कर रहे हैं, आइये जानते हैं उन बड़ी घटनाओं को जिन्होंने 2024 को परिभाषित किया और आने वाले साल 2025 को प्रभावित करने के लिए तैयार हैं।

बांग्लादेशी छात्रों का विरोध प्रदर्शन और शेख हसीना का निष्कासन

साल 2024 में बांग्लादेश में छात्रों के सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर भारत भागना पड़ा। सिविल सेवा नौकरी कोटा को लेकर गुस्से के चलते हफ्तों तक चले छात्रों के प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया और प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के आवास पर धावा बोल दिया जिसके बाद उन्होंने अब तक भारत में शरण ली हुई है। जिसके बाद मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में सेना ने अंतरिम सरकार की घोषणा की और शांति का वादा किया। विपक्षी नेता खालिदा ज़िया और हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत

डोनाल्ड ट्रंप ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 312 वोटों के साथ जीत हासिल की। उन्होंने सभी सात बैटलग्राउंड राज्यों में जीत हासिल की और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को 1.62% के अंतर से हराया। हालांकि, उनके हैरिस की तुलना में केवल 2.5 मिलियन वोट अधिक थे।

सीरिया में बशर अल-असद का निष्कासन

तुर्की द्वारा समर्थित सीरियाई विद्रोहियों ने निर्विरोध रूप से दमिश्क में प्रवेश कर राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंका और उनके परिवार के पांच दशकों से अधिक के शासन को समाप्त कर दिया। दमिश्क में जश्न मनाया गया, कैदियों को रिहा किया गया और उत्साही भीड़ सड़कों पर उतर आई। विद्रोही नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने एक नए युग की घोषणा की। वहीं, असद ने भागकर रूस में शरण ली। असद के शासन के पतन ने लाखों विस्थापित सीरियाई लोगों की वापसी की उम्मीदें जगाईं।

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दक्षिण कोरिया महाभियोग

दिसंबर 2024 में, दक्षिण कोरिया में दो राष्ट्रपतियों के खिलाफ़ महाभियोग चलाए जाने से राजनीतिक संकट पैदा हो गया। यह उथल-पुथल 3 दिसंबर को शुरू हुई जब राष्ट्रपति यून सुक योल ने मार्शल लॉ घोषित किया, जिसके बाद संसद ने उन पर महाभियोग चलाया। इसके बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने पदभार संभाला, लेकिन दो हफ़्ते बाद उन पर भी महाभियोग चलाया गया।

इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध

साल 2024 में मध्य पूर्व में सशस्त्र संघर्ष बढ़ गया, जिसमें इज़रायल ने हिजबुल्लाह को निशाना बनाने के लिए लेबनान में अभियान का विस्तार किया, जिसके आतंकवादियों ने हमास के लिए समर्थन युद्ध कहते हुए इज़रायल में सैकड़ों रॉकेट दागे। सितंबर में हिजबुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में छिपे विस्फोटकों को दूर से विस्फोटित किया गया। साथ ही हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की हत्या भी की गयी। अंत में, हिजबुल्लाह का आत्मसमर्पण अमेरिका की मध्यस्थता में नवंबर 2024 में हुए युद्ध विराम के रूप में सामने आया, जिसके कारण समूह को लिटानी नदी के उत्तर में पीछे हटना पड़ा, जिससे दक्षिणी लेबनान में उनकी गतिविधियां कमजोर हो गईं।

हमास का संभावित अंत

2024 को इजरायल के इतिहास में सबसे घातक आतंकवादी हमले का साल माना गया। हमास नेता याह्या सिनवार, जिसे 2023 में 7 अक्टूबर के हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है, को एक साल की तलाशी के बाद अक्टूबर 2024 में मार दिया गया। तेल अवीव द्वारा एक साल तक किए गए हमलों ने गाजा के बड़े हिस्से को तबाह कर दिया, 42,000 से अधिक लोगों की जान ले ली और हमास को बहुत कमजोर कर दिया। हालांकि, इस साल हमास को यह एकमात्र झटका नहीं लगा, इससे पहले जुलाई के अंत में राजनीतिक ब्यूरो के पूर्व प्रमुख इस्माइल हानिया की भी हत्या कर दी गयी थी। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग