कोरोना के कहर को काफी हद तक काबू करने का दावा करने वाला चीन फिर से इसकी चपेट में है। चीन में जिस शहर वुहान से कोरोना सारी दुनिया में फैला, वहां साल भर बाद फिर संक्रमण के केस सामने आ रहे हैं। CPC सरकार ने फैसला लिया है कि सारे शहर का टेस्ट कराकर हालात काबू करेंगे। इस बीच, देश में बढ़ते कोरोनावायरस मामलों को देखते हुए बीजिंग ने अपने नागरिकों की विदेश यात्रा पर सख्त प्रतिबंधों की घोषणा की है।
चीन ने आधी से ज्यादा आबादी का वैक्सीनेशन पूरा कर लेने का दावा किया है। चीन ने कोरोना के सबसे पहले केंद्र वुहान में वायरस पर काबू पाने के लिए बेहद सख्त लॉकडाउन लागू किया था। इसके अच्छे नतीजे भी देखने को मिले थे। वुहान प्रशासन ने पूरे शहर को घरों में ही कैद कर दिया था। सभी घरेलू यातायात साधनों को बंद कर दिया गया था। लेकिन नए घटनाक्रम में मजदूरों के बीच कोरोना वायरस के सात नए मामले सामने आए हैं। इससे वहां के हेल्थ डिपार्टमेंट के चेहरे पर हवाइयां उड़ती दिख रही हैं। कोरोना का डर चीन पर किस कदर हावी है ये बात साफ तौर पर देखी जा रही है।
वुहान शहर की आबादी तकरीबन 1.1 करोड़ है। एक अधिकारी ने कहा कि सभी नागरिकों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट कराया जाएगा, ताकि कोरोना वायरस के फैलने की किसी भी आशंका को खत्म किया जा सके। ध्यान रहे कि वुहान में यह खतरनाक वायरस एक साल बाद फिर लौटकर आया है। सूत्रों का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट भी चीन के कई शहरों तक पहुंच गया है। चीन के नानजिंग प्रांत में संक्रमण के लगातार मामले मिल रहे हैं।
बीजिंग समेत कई अन्य बड़े शहरों में भी लोगों का टेस्ट कराया जा रहा है। जहां कोरोना संक्रमण के मामले समूह में मिल रहे हैं, वहां इमारतों या परिसरों को सील भी किया जा रहा है। अनिवार्य क्वारंटाइन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। नानजिंग के निकट पूर्वी शहर यांगझोऊ में भी बड़े पैमाने पर कोरोना जांच के अभियान के बाद 40 नए केस मिले हैं। इसके बाद लोगों को घरों में ही रहने को कहा गया है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 18 प्रातों में डेल्टा वेरिएंट मिला है। चीन के कम से कम 18 प्रांतों में पिछले 10 दिनों में संक्रमण के 300 घरेलू मामले सामने आए हैं। इससे पहले चीन ने महीनों की कड़ी मशक्कत के बाद संक्रमण के प्रसार की रोकथाम की थी।