विश्व बैंक ने पाकिस्तान को एक प्राकृतिक गैस दक्षता के लिए मंजूर किए गए 10 करोड़ डॉलर के लोन को रद्द कर दिया है और कहा है कि पाकिस्तानी वितरण कंपनी द्वारा इसमें जरूरी रुचि नहीं दिखाई गई। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह परियोजना सुई साउदर्न गैस कंपनी (एसएसजीसी) अपने वितरण क्षेत्रों कराची, सिंध और बलूचिस्तान के आंतरिक हिस्सों में शुरू करने वाली थी, जिसका लक्ष्य पाइपलाइन में गैस की प्राकृतिक और वाणिज्यिक हानि कम कर प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ाना था।

विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस परियोजना के फेल होने के कारण लोन को नामंजूर किया गया है। इसमें कहा गया कि एसएसजीसी के बोर्ड और प्रबंधन, जिनका इस परियोजना में अपर्याप्त स्वामित्व था, लगातार रुचि नहीं दिखाई जिनके कारण इसकी रेटिंग ‘असंतोषजनक’ की गई. अब बैंक इस परियोजना को 20 करोड़ डॉलर के बदले केवल 2.5 लाख डॉलर का लोन देगा।

वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत पर बातचीत की बहाली को लेकर ‘अड़ियल’ होने का आरोप लगाया और कहा कि द्विपक्षीय संवाद परिणाम उन्मुख होना चाहिए जिससे कश्मीर मुद्दे का समाधान हो सके। पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा कि भारत के साथ बातचीत सिर्फ बातचीत के लिए नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह परिणाम उन्मुख और सतत होनी चाहिए। रेडियो पाकिस्तान के अनुसार उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से कई मौकों पर पहल करने के बावजूद ‘भारत बातचीत की बहाली को लेकर अड़ियल रहा है।’ जकारिया ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता से जुड़े अमेरिका के निर्वाचित उप राष्ट्रपति माइक पेंस के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि इस विवाद के समाधान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भूमिका निभानी है। पेंस ने एक अमेरिकी चैनल से कहा कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ‘समझौते कराने के अपने अद्भुत कौशल’ का इस्तेमाल दुनिया भर में समस्याओं एवं तनावों को सुलझाने के लिए कर सकते हैं। उनसे सवाल किया गया था कि क्या ट्रंप कश्मीर मामले के समाधान में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं।