Sheikh Hasina News: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का 15 साल का शासन सोमवार को खत्म हो गया। वह देश में चल रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से भाग आईं और सेना ने ऐलान किया कि वह अंतरिम सरकार बनाएगी। शेख हसीना का विमान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयर बेस पर उतरा है। वायुसेना के अधिकारियों ने हिंडन एयरबेस पर स्वागत किया है। इतना ही नहीं एनएसए अजित डोभाल ने भी बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना से हिंडन एयरबेस पर मुलाकात की है।

असल में शेख हसीना के लिए फिलहाल भारत से ज्यादा सेफ जगह कोई और नहीं है। भारत की पनाह में शेख हसीना बिल्कुल सेफ रहेंगी। शेख हसीना के भारत की मोदी सरकार से काफी बेहतर संबंध हैं। इससे पहले यूपीए सरकार के दौरान भी शेख हसीना के भारत से अच्छे संबंध रहे हैं। बाकी पड़ोसी देशों के मुकाबले बांग्लादेश के संबंध भारत से ज्यादा बेहतर हैं।

शेख हसीना ने भारत को ही क्यों चुना

पिछल कई सालों से भारत शेख हसीना का समर्थक रहा है। बांग्लादेश का बार्डर भारत के कई पूर्वोत्तर राज्यों से लगता है। इनमें से कई सारे राज्यों में उग्रवाद एक काफी बढ़ी चिंता का विषय है। ढाका के साथ में दोस्ताना व्यवहार इन मुद्दों को हल करने में काफी हद तक मददगार रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपने कार्यकाल के दौरान शेख हसीना ने बांग्लादेश में भारत विरोधी उग्रवादी संगठनों पर नकेल कसी है। इसकी वजह से दिल्ली में उनकी काफी धाक रही है। हसीना ने भारत को ट्राजिंट अधिकार भी दिए हैं। इसकी वजह से पूर्वोत्तर राज्यों में माल को लाना-ले जाना आसान हो गया है।

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शेख हसीना के भारत के साथ में अच्छे संबंध

शेख हसीना ने साल 1996 के बाद से भारत के साथ में अच्छे संबंध बनाए रखे हैं। 2022 में भारत की यात्रा के दौरान उन्होंने बांग्लादेश के लोगों को याद दिलाया कि कैसे भारत ने अपनी सरकार, लोगों और सिक्योरिटी फोर्स के साथ मिलकर 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बांग्लादेश का समर्थन किया था। हालांकि, विपक्षी दलों ने उनके भारत के साथ में अच्छे संबंधों की समय-समय पर आलोचना की है। उनका कहना था कि भारत को बांग्लादेश के लोगों का समर्थन करना चाहिए। किसी एक पार्टी का समर्थन नहीं करना चाहिए।

कनेक्टिविटी में भी आगे बढ़े दोनों देश

पिछले एक दशक से भारत और बांग्लादेश के बीच रणनीतिक संबंध लगातार मजबूत बने हुए हैं। बांग्लादेश भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति का काफी लाभ ले चुका है। कनेक्टिवटी के क्षेत्र में भी दोनों देश काफी आगे बढ़ चुके हैं। इसमें त्रिपुरा में फेनी नदी पर मैत्री सेतु पुल का उद्घाटन और चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल संपर्क का शुभारंभ शामिल है। बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा डेवलेपमेंट पार्टनर भी रहा है। इसके लिए नई दिल्ली ने लगभग एक चौथाई कर्ज की प्रतिबद्धता भी दी है। इतना ही नहीं बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। साथ ही, भारत एशिया में अगर दूसरे नंबर पर किसी देश से सबसे ज्यादा व्यापारिक साझेदारी निभाता है तो वह बांग्लादेश ही है।