पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan Election 2024) में पिछले महीने चुनाव हुए थे लेकिन किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। बिलावल भुट्टो की पीपीपी, नवाज शरीफ की पीएमएलएन, और इमरान खान (Imran Khan) के समर्थक निर्दलीय प्रत्याशियों में से किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में लगभग एक महीने तक पाकिस्तान में सरकार गठन को लेकर माथापच्ची हुई। इसके चलते मार्शल लॉ लगने तक की संभावनाएं बनने लगीं थी लेकिन अब यह तय हुआ है कि पीपीपी और नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की पार्टी मिलकर सरकार का गठन करेंगे, जिसके पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) होंगे।
खास बात यह है कि नवाज शरीफ के एक बार फिर पीएम बनने का रास्ता पाकिस्तान में अचानक देर रात में लिया गया। जिस वक्त टीवी पर शहबाज शरीफ अपने भाई नवाज शरीफ को चौथी बार पीएम बनाने की बात करते हुए उनके प्रति अपना भाई प्रेम दिखा रहे थे, उस दौरान ही नवाज शरीफ ने यह तय कर लिया था कि शहबाज शरीफ ही पाकिस्तान के अगले पीएम होंगे।
पीएमएलएन के प्रवक्ता ने नवाज के फैसले को लेकर मीडिया के सामने जानकारी दी कि नवाज ने एक मसौदा तैयार करने को कहा कि पीएमएलएन की तरफ से मुल्क के पीएम कैंडिडेट उनके भाई शहबाज शरीफ ही होंगे और बेटी मरियम नवाज पंजाब की मुख्यमंत्री बनाई जाएंगी।
सेना की उम्मीदों खरे नहीं उतर पाए नवाज
दरअसल, पाकिस्तान लगातार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। ऐसे में इमरान खान की सरकार के खिलाफ पहले ही पाकिस्तानी सेना की प्लानिंग कर रही थी। इस बीच जब नवाज शरीफ जब वापस पाकिस्तान लौटे तो सेना को उनसे ही उम्मीद थी कि वे पाकिस्तान में इमरान को राजनीतिक तौर पर चुनौती देंगे लेकिन इमरान समर्थक पीPMटीआई के लीडर्स ने पाकिस्तान चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसके चलते नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन के लिए अकेले सरकार बनाना असंभव हो गया।
क्यों बनाया शहबाज शरीफ को PM?
नवाज शरीफ फिर से सपने तो देख रहे थे लेकिन उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत न मिलना उनके लिए झटका साबित हुआ। हालांकि शहबाज शरीफ ने पूरे चुनाव के दौरान नवाज को पीएम बनाने की बात कही। नवाज की पार्टी ने खुलकर कहा है कि नवाज केवल इसलिए पीएम नहीं बनना चाहते हैं क्योंकि उनकी पार्टी पीएमएलएन को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। नवाज ने चाहते हुए भी खंडित जनादेश के चलते खुद के बजाए पीएम बद के लिए अपने भाई नवाज को आगे कर दिया और बेटी मरियम नवाज पंजाब की मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया।
वहीं इस मुद्दे पर शहबाज शरीफ ने कहा कि पीएमएल (एन) के साथ हाथ मिलाने वाली अन्य पार्टियों को चुनाव के बाद संसद में “लगभग 2/3 बहुमत” प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि नई सरकार देश को संकट से बाहर निकालेगी।
पाकिस्तान चुनाव आयोग के अनुसार, छह पार्टियों पीएमएल (एन), पीपीपी, एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू, आईपीपी (इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी द्वारा जीती गई सामान्य सीटों की कुल संख्या (बीएपी) के साथ आने से शहबाज़ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार का आंकड़ा 152 हो गया है।