Nepal Protest News: नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। लेकिन आने वाले समय में देश की स्थिति कैसी होगी, इस पर अब भी संशय बना हुआ है। राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन उन्हें आगे की व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा गया है।
राष्ट्रपति की इस बात से कि ओली को अब भी पद पर रहने को कहा गया है, लोग हैरान हैं, क्योंकि इस समय उनके ठिकाने और स्थिति को लेकर कुछ भी साफ नहीं है। संविधान विशेषज्ञ डॉ. भीमार्जुन आचार्य ने कहा, “हमारे सामने ऐसी स्थिति है जिसकी कल्पना नहीं की गई थी। सभी पक्षों से विचार-विमर्श के बाद ही कोई समाधान निकल सकता है। लेकिन इसके लिए आंदोलन को खत्म करना होगा और सामान्य स्थिति बहाल करनी होगी। लोगों के जीवन और अधिकारों की रक्षा करनी होगी।”
सुशीला कार्की ने एकजुटता व्यक्त की
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आचार्य की तरह और भी कई लोग हैं, जो मानते हैं कि अगला कदम एक अंतरिम व्यवस्था ही होनी चाहिए। ओली के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री कौन होगा। सड़कों पर देखते हुए आक्रोश और तमाम दलों के नेताओं को निशाना बनाए जाने के बाद यह एक पेचीदा सवाल है। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस सुशीला कार्की जेन-जी के साथ बातचीत कर अपनी एकजुटता व्यक्त कर रही हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कार्की या कल्याण श्रेष्ठ इस पद पर दावा कर सकते हैं।
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कार्की और श्रेष्ठ दोनों की उम्र 70 साल से ज्यादा है। कई लोग पहले से ही यह कह रहे हैं कि 30 साल से कम उम्र के लोगों के आंदोलन के बाद किसी की भी इस पद पर नियुक्ति इसकी मूल भावना को ही पराजित करेगी। जेन-जी के कुछ प्रदर्शनकारियों की तरफ से की जा रही अपीलों की तरफ देखें तो बालेन शाह भी संभावित दावेदार हैं।
बालेन शाह ने जेन-जी आंदोलन का समर्थन किया
बालेन शाह ओली के विरोधी रहे हैं और सार्वजनिक तौर पर उन्हें भ्रष्ट कह चुके हैं। उन्होंने जेन-जी आंदोलन का भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र 28 साल से ज्यादा है, इसलिए वे आंदोलन का नेतृत्व नहीं करेंगे। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने जेन-जी की नेतृत्व करने की अपील ठुकरा दी और उनसे कहा कि वे खुद सरकार का नेतृत्व करें।
इस बीच, नेपाल सेना ने लोगों और जेन-जी के प्रदर्शनकारियों से शांत रहने, शांति बनाए रखने और निजी व सरकारी संपत्ति की रक्षा करने की अपील की है। सेना ने इस बात को दोहराया है कि वह लोगों के जीवन और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
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