पाकिस्तान में लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असिम मलिक को आईएसआई का नया चीफ बनाया गया है। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) में महानिदेशक का पद संभालेंगे। वर्तमान में वह रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में एक सहायक जनरल के रूप में कार्यरत हैं। 30 सितंबर को वह मौजूदा डीजी लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की जगह लेंगे। पाकिस्तान में यह पद काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पाकिस्तान में सेना प्रमुख के बाद इसी पद को सबसे ज्यादा अहमियत मिलती है।
कौन हैं असिम मलिक?
असिम मलिक को ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ भी मिल चुका है। असिम ने नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) में मुख्य प्रशिक्षक के साथ-साथ कमांड एंड स्टाफ कॉलेज क्वेटा में प्रशिक्षक के रूप में भी सेवा दी है। मलिक ने अमेरिका से ग्रैजुएशन की है और वह लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज से भी पढ़े हैं। आसिम मलिक को सुरक्षा और विदेश मामलों के भी अच्छे जानकारों में शुमार किया जाता है।
मलिक को बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में काम करने का अच्छा अनुभव है। पिछले काफी समय से यहां आंदोलन भी चल रहा है। माना जा रहा है कि उन्हें इसी वजह को देखते हुए आईएसआई चीफ की कमान दी गई है। वह बलूचिस्तान में इन्फैंट्री डिविजन के हेड रहे हैं। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में लगातार हमले को रहे हैं। पिछले एक साल में यहां होने वाले हमलों की संख्या में काफी इजाफा भी हुआ है।
आईएसआई चीफ की कितनी हैसियत?
पाकिस्तान में आईएसआई चीफ कितना ताकतवर होता है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसकी नियुक्ति सीधे प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है। हालांकि यह सेना प्रमुख के परामर्श पर काम करता है। इसका ना सिर्फ देश के आंतरिक मामलों में दखल देखा गया है बल्कि विदेश नीति को लेकर भी इसका प्रभाव देखा गया है। सूत्रों का कहना है कि आसिम मलिक की पीएम शहबाज शरीफ से भी करीबी है और अच्छे रिश्ते रखते हैं। इससे पहले आईएसआई चीफ नदीम अंजुम को पिछले साल ही एक साल के लिए सेवा विस्तार मिला था।