जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्व के कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात हुई। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अडनोम घेब्रेयेसस से भी पीएम मोदी की मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने वैश्विक स्वास्थ्य को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की। घेब्रेयेसस ने गुजरात के जामनगर में पारंपरिक दवाओं का ग्लोबल सेंटर बनाए जाने पर पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने मंगलवार को वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र की मेजबानी और निर्माण पर डब्ल्यूएचओ के साथ सहयोग करने के लिए उनका आभार जताया।

घेब्रेयेसस ने ट्विटर पर पीएम मोदी के साथ अपनी तस्वीर शेयर कर लिखा, “धन्यवाद #India Prime Minister @narendramodi आपके सहयोग के लिए@WHO वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र की मेजबानी और निर्माण पर। #HealthForAll के लिए एक साथ! #G20”

मार्च में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार में एक समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत पारंपरिक दवाओं का ग्लोबल सेंटर की स्थापना की जा रही है। भारत सरकार ने इसमें 25 करोड़ डालर का निवेश किया है। इस केंद्र का उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य के सुधार में पारंपरिक दवाओं के योगदान से लाभ के बारे में पूरे विश्व में को परिचित कराया जाना है।

अप्रैल में पीएम मोदी ने घेब्रेयेसस और मॉरीशस के पीएम के साथ रखी थी आधारशिला

इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री मोदी, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक घेबरेयेसस और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ ने गुजरात के जामनगर शहर में डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र की आधारशिला रखी थी।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया की लगभग 80 प्रतिशत आबादी पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करती है। आज तक, डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों में से 170 ने पारंपरिक चिकित्सा के उपयोग की सूचना दी है, और उनकी सरकारों ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और उत्पादों पर विश्वसनीय साक्ष्य और डेटा का एक निकाय बनाने में वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के समर्थन की बात कही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वार्षिक जी-20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान देश के 1.3 अरब नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने जी-20 देशों के नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि आज का उर्वरक संकट कल खाद्य संकट में तब्दील हो सकता है। इसलिए दुनिया को इसका समाधान खोजना होगा।