तालिबान ने कथित तौर पर अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत के चमकानी में गुरुद्वारा थाला साहिब की छत से सिख धार्मिक ध्वज निशान साहिब को हटा दिया है। ऐतिहासिक गुरुद्वारे का दौरा सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी ने किया था। सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हैं जो कि इस घटना के बारे में रिपोर्ट करती हैं। हालांकि ‘जनसत्ता’ तथ्यों की पुष्टि नहीं कर पाया है और सरकारी एजेंसियों के आधिकारिक बयान का इंतजार है।
विदित हो कि पिछले साल, तालिबान ने इसी गुरुद्वारे से एक अफगानी सिख नेदान सिंह सचदेवा का अपहरण कर लिया था। तब भारत सरकार ने हमले की कड़ी निंदा की थी और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के अपहरण पर चिंता व्यक्त की थी। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था, ‘हम आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान के हिंदू और सिख समुदाय के नेता नेदान सिंह के अपहरण की कड़ी निंदा करते हैं। बाहरी समर्थकों के इशारे पर आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाना और उनका उत्पीड़न करना गंभीर चिंता का विषय है।”
ऐसी ही एक हिंसक घटना में ISIS के एक बंदूकधारी द्वारा काबुल के शोर बाजार में गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारे में गोलीबारी करने से कम से कम 25 सिख मारे गए थे। 2020 तक, अफगानिस्तान में लगभग 650 सिख थे। समुदाय के सदस्यों ने काबुल में भारतीय दूतावास को विशेष विमानों से उन्हें बचाने के लिए पत्र लिखा था।
मालूम हो कि अमेरिकी सैनिकों की लगातार वापसी के बीच अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। भारत ने अफगानिस्तान की नाजुक स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और इस बात की वकालत की है कि अफगानिस्तान में शांति महत्वपूर्ण है।
अफगान सरकार के मीडिया हेड की हत्या: अफगानिस्तान में तालिबान ने शुक्रवार को सरकारी मीडिया सूचना केंद्र के निदेशक की गोली मारकर हत्या कर दी। हाल के महीनों में पत्रकारों और अधिकार कार्यकर्ताओं पर किए गए श्रृंखलाबद्ध हमलों में हत्या की यह वारदात नवीनतम है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि समूह के लड़ाकों ने दावा खान मेनापाल को मार डाला है जो स्थानीय और विदेशी मीडिया के लिए सरकार का प्रेस अभियान चलाते थे।