What Happened 9/11: 23 साल पहले यानी आज ही के दिन 11 सितम्बर 2001 को आत्मघाती हमलावरों ने अमेरिकी यात्री विमानों पर कब्ज़ा कर लिया और उन्हें न्यूयॉर्क की दो गगनचुम्बी इमारतों से टकरा दिया, जिसमें हजारों लोग मारे गये। यह हमला सदी की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है, न केवल अमेरिकियों के लिए बल्कि विश्व के लिए भी।

अलकायदा के आत्मघाती दस्तों ने चार हवाई जहाज का अपहरण किया और फिर कुछ मिनट के अंतराल पर ही अमेरिका के मशहूर वर्ल्ड ट्रेड टॉवर के दो बहुमंजिला इमारतें जमींदोज कर दी। यहां अलग-अलग दो जहाज उत्तरी और दक्षिणी टॉवर में दुर्घटनाग्रस्त कर दिए गए। थोड़ी ही देर बाद ही अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन में तीसरा जहाज दुर्घटनाग्रस्त हुआ। अंत में एक और जहाज खेत में हादसे का शिकार हुआ। सुरक्षा एजेंसियों का आंकलन है कि यह जहाज व्हाइट हाउस पर हमला करता, लेकिन यात्रियों के विरोध के बीच आतंकी विमान से नियंत्रण खो बैठे और यह खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस तरह चार हादसों में करीब तीन हजार लोग मारे गए।

कितने लोगों की मौत हुई?

कुल मिलाकर 2,977 लोगों (19 अपहरणकर्ताओं को छोड़कर) की जान चली गई, जिनमें से अधिकांश न्यूयॉर्क में मारे गए। चारों विमानों में सवार सभी 246 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए। ट्विन टावर्स में 2,606 लोग मारे गए या तो तब या बाद में चोटों के कारण पेंटागन में 125 लोग मारे गए। वहीं सबसे कम उम्र की पीड़िता दो वर्षीय क्रिस्टीन ली हैन्सन थी, जो अपने माता-पिता पीटर और सू के साथ विमान में ही मर गई। इनमें सबसे बुजुर्ग 82 वर्षीय रॉबर्ट नॉर्टन थे, जो अपनी पत्नी जैकलीन के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए दूसरे विमान में सवार थे। जब पहला विमान गिरा, तब अनुमानतः 17,400 लोग टावरों में थे। उत्तरी टावर में प्रभाव क्षेत्र के ऊपर कोई भी जीवित नहीं बचा, लेकिन दक्षिणी टावर में प्रभाव क्षेत्र के ऊपर की मंजिलों से 18 लोग बच निकलने में सफल रहे। हताहतों में 77 विभिन्न देशों के नागरिक शामिल थे।

हमलावर कौन थे?

अल-कायदा नामक एक इस्लामी चरमपंथी नेटवर्क ने अफगानिस्तान से हमलों की योजना बनाई थी। ओसामा बिन लादेन के नेतृत्व में अल-कायदा ने मुस्लिम मुल्कों में संघर्षों के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों को दोषी ठहराया था। उन्नीस लोगों ने अपहरण को अंजाम दिया, जो पांच-पांच की तीन टीमों में काम कर रहे थे और चार में से एक टीम (पेंसिल्वेनिया में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान पर) थी। प्रत्येक समूह में एक ऐसा व्यक्ति शामिल था जिसने पायलट प्रशिक्षण प्राप्त किया था। यह प्रशिक्षण अमेरिका के ही फ्लाइंग स्कूलों में दिया गया था। पंद्रह अपहरणकर्ता ओसामा बिन लादेन की तरह सऊदी अरब के थे। दो संयुक्त अरब अमीरात से थे, एक मिस्र से था और एक लेबनान से था।

अमेरिका ने क्या प्रतिक्रिया दी?

हमलों के एक महीने से भी कम समय बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अल-कायदा को खत्म करने और बिन लादेन को पकड़ने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन के समर्थन से अफगानिस्तान पर आक्रमण किया। हालांकि, 2011 तक अमेरिकी सैनिकों ने अंततः पड़ोसी पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन का पता लगाकर उसे मार डाला था। 9/11 हमलों के कथित योजनाकार खालिद शेख मोहम्मद को 2003 में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कई वर्षों तक ग्वांतानामो बे में अमेरिकी हिरासत में रखा गया, लेकिन उन पर कोई मुकदमा नहीं चला, लेकिन अब उन्होंने और दो अन्य षड्यंत्रकारियों ने मृत्युदंड से बचने के लिए याचिका समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अल-कायदा अभी भी मौजूद है। यह उप-सहारा अफ्रीका में सबसे मजबूत है, लेकिन अभी भी अफगानिस्तान के अंदर इसके सदस्य मौजूद हैं। अमेरिकी सैनिकों ने लगभग 20 वर्षों के बाद इस वर्ष अफगानिस्तान छोड़ दिया, जिससे कई लोगों में यह भय उत्पन्न हो गया कि इस्लामी नेटवर्क पुनः वापसी कर सकता है।

अमेरिका ने पाकिस्तान में ओसामा को मारा

कुल चारों जहाजों में सवार यात्री एवं आतंकी थे तो कुछ आतंकियों के टारगेट एरिया में थे। मारे गए लोग पूरी दुनिया के अलग-अलग मुल्कों से थे। घटना के कुछ दिन बाद इन हमलों की जिम्मेदारी अलकायदा ने ली। आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया से आवाज उठी और अमेरिका ने पहल करते हुए अलकायदा के गढ़ अफगानिस्तान पर हमला बोल दिया। दस साल बाद अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एटबाबाद में अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के हाथों मारा गया।

9/11 के दुनियाभर में उड़ान सुरक्षा कड़ी की गई

9/11 हमले के बाद के वर्षों में दुनिया भर में उड़ान सुरक्षा कड़ी कर दी गई। अमेरिका में हवाई अड्डों और विमानों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए परिवहन सुरक्षा प्रशासन की स्थापना की गई थी। हमले के बाद ट्विन टावर्स स्थल को साफ करने में करीब आठ महीने से ज्यादा का वक्त लगा।

फिर से खड़ा हुआ वर्ल्ड ट्रेड टॉवर

आतंकी अटैक से संभलने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने वर्ल्ड ट्रेड टॉवर को फिर से खड़ा किया। इसे वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नाम से जाना जाता है। नई बिल्डिंग अमेरिका की सबसे ऊंची और दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची इमारत है। यह 16 एकड़ में बनी है। इसके निर्माण की शुरुआत साल 2006 के अप्रैल में हुई और साल 2012 में इसे पूरा कर लिया गया। हालांकि, औपचारिक तौर पर इस बिल्डिंग को तीन नवंबर 2014 को खोला गया। यहां बनी वेधशाला 29 मई 2015 को खोला गया। इमारत 541 मीटर ऊंची है। इसमें कुल 104 मंजिल है। नए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर परिसर में पांच अत्याधुनिक इमारतें बनाई गई हैं। यहीं 11 सितंबर का स्मारक एवं म्यूजियम भी बना है, जो वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दक्षिण दिशा में हैं। यहीं दुर्घटनाग्रस्त वर्ल्ड ट्रेड टॉवर स्थापित थे। पेंटागन बिल्डिंग को आंशिक क्षति पहुंची थी इसलिए उसकी मरम्मत कर दी गई। अमेरिका ने मरने वालों की याद में यहां स्मारक भी बनाए हैं।

ओसामा की बीवी ने बताया था उसका पता?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कयास यह भी लगाए गए कि ओसामा का पता उसकी बीवी ने दिया था। जिस ओसामा को अमेरिका बीते दस साल से ढूंढ रही थी, चाहे वो जिंदा मिले या मुर्दा। वो ओसामा अमेरिका को मिला भी और मारा भी गया,लेकिन सवाल है कि ओसामा के घर में क्या किसी ने उसे धोखा दे दिया? जिस ओसामा के बारे में पड़ोसियों तक को भनक नहीं थी, वहां कैसे पहुंच गये अमेरिकी जांबाज? ऑपरेशन ओसामा को लेकर उठे इन सवालों में गहरे इशारे छुपे हुए हैं। उन्हीं इशारों की बुनियाद पर एक नई खबर तैयार हुई है कि बूढ़े लादेन की नौजवान बीवी ने ही ओसामा को मरवा दिया। अमल ने ही अमेरिका को एबटाबाद का सुराग दिया था।

कौन है अमल?

यमन मूल की 28 साल की अमल, ओसामा की सबसे छोटी बीवी है। सवाल है कि कैसे ओसामा से हुई अमल की मुलाकात? लंदन के एक अखबार द संडे टाइम्स में ये खबर छपी कि ओसामा की मौत के पीछे कहीं उसकी बीवी अमल की मुखबिरी तो नहीं थी। विदेशी मीडिया में चल रही इन ख़बरों से ख़ुद पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक भी इत्तेफ़ाक रखते हैं। मलिक तो यक़ीनी तौर पर कहते हैं कि नेवी सील्स को यहां तक मालूम था कि ओसामा अपनी किलेनुमा हवेली के किस कमरे में मौजूद था।

पाकिस्‍तान के गृह मंत्री रहमान मलिक का कहना है कि कई सालों तक खुफिया अधिकारी के तौर पर जो मेरा तजुर्बा है, उसके मुताबिक मुझे लगता है कि भीतर के ही किसी शख्स ने अमेरिका को सारा भेद बताया था। अगर उनके पास सटीक जानकारी नहीं होती तो अमेरिकी कमांडो सीधे ओसामा के कमरे तक नहीं पहुंच पाए होते।

ओसामा की सऊदी मूल क़ी दो बीवियां पहले से कह रही हैं कि अमल ने ही ओसामा के साथ दग़ा किया या तो उसने अमेरिका को सारी जानकारी मुहैया कराई, या फ़िर उसने ये मौक़ा दिया कि अमेरिका उसका पीछा करते हुए ओसामा के ठिकाने तक पहुंच जाए।

हालांकि पहले इस बारे में अलग-अलग थ्योरी सामने आ चुकी है। विकिलीक्स के मुताबिक कुरियर का काम करने वाले दो भाइयों के ज़रिए ऐबटाबाद का सुराग मिला था। बाद में ये भी कहा गया कि अमेरिका ने हाईटेक ड्रोन के सहारे एबटाबाद में ओसामा की हवेली के चप्पे-चप्पे का पता लगा लिया था, लेकिन अब बीवी के विश्वासघात वाली थ्योरी जोर पकड़ चुकी है। अगर ओसामा की सबसे छोटी बीवी अमल पर ये शक जताया जा रहा है कि कहीं उसने ही तो ओसामा का काम तमाम करने में अमेरिका का साथ तो नहीं दिया था।