Trump-Zelenskyy Controversy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से टेलीविजन पर काफी तीखी बहस के बाद अमेरिका यूक्रेनी राष्ट्रपति पर आक्रामक था। ट्रंप प्रशासन ने तो यूक्रेन को अमेरिका द्वारा दी जाने वाली सहायता भी रोकने का ऐलान कर दिया था लेकिन इस घोषणा के कुछ घंटों बाद ही जेलेंस्की के तेवर नरम पड़ गए। उन्होंने कहा कि वह शांति स्थापित करने के लिए ट्रंप के मजबूत नेतृ्त्व के अंतर्गत काम करने का तैयार हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन, रूस के साथ जारी युद्ध के बीच अब जल्द से जल्द बातचीत की मेज पर आने के लिए तैयार है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हममें से कोई भी अंतहीन युद्ध नहीं चाहता। यूक्रेन के लोगों से ज़्यादा कोई भी शांति नहीं चाहता।
जेलेस्की ने बता दिया सीजफायर का प्लान
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि हम युद्ध को समाप्त करने के लिए तेजी से काम करने के लिए तैयार हैं, और पहले चरण में कैदियों की रिहाई और एयर स्पेस में युद्धविराम हो सकता है। इसके तहत मिसाइलों, लंबी दूरी के ड्रोन, ऊर्जा और अन्य नागरिक बुनियादी ढांचे पर बमों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसके साथ ही अगर रूस करें तो समुद्र में भी तुरंत युद्धविराम हो सकता है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि पहले चरण के बाद हम अगले सभी चरणों में बहुत तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं और एक मजबूत अंतिम समझौते पर सहमत होने के लिए अमेरिका के साथ काम करना चाहते हैं।
व्हाइट हाउस में बहस को लेकर जताया खेद
व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई चर्चित बहस को लेकर उन्होंने खेद भी जताया और कहा कि शुक्रवार को वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस में हमारी बैठक उस तरह नहीं हुई जैसी होनी चाहिए थी। यह खेदजनक है। अब समय आ गया है कि हम चीजों को सही करें। हम चाहते हैं कि भविष्य में सहयोग और संचार रचनात्मक हो।
मिनरल्स डील के लिए तैयार जेलेंस्की
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन अपने दुर्लभ मिनरल्स डील करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि खनिजों और सुरक्षा पर समझौते के संबंध में यूक्रेन किसी भी समय और किसी भी सुविधाजनक प्रारूप में इस पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है।
बता दें कि ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच एक अहम मिनरल्स डील होने वाली थी, जिससे यूक्रेन को उम्मीद थी कि अमेरिका से उसे अधिक सुरक्षा सहायता मिलेगी, जबकि व्हाइट हाउस ने इसे रूस के साथ युद्ध में शांति प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा था। वहीं दोनों के बीच बहस के चलते डील ठंडे बस्ते में चली गई थी।
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