9/11 Attack US: 23 साल पहले 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में जो हुआ, उसके जख्म आज भी दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के जहन में हैं। दो प्लेन हाई जैक कर उन्हें अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर टक्कर मारकर आत्मघाती हमला करने वाले आतंकियों ने अमेरिका को कभी न मिटने वाले जख्म और दर्द दिए थे। इस हमले की जिम्मेदारी अलकायदा ने ली थी और सीधे तौर पर कहा था कि ये इस घटना के पीछे उसका और उसके आतंकियों का हाथ था।

आतंकवादी संगठन अलकायदा ने 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो अगवा किए गए विमानों के जरिये हवाई हमला बोला था और फिर भारी तबाही मचाई थी। इसकी हमले के बाद जलते टावर की तस्वीरें आज भी न केवल बल्कि पुरी दुनिया के जहन में बसी हुई हैं। इसके जख्म पूरी दुनिया के लोगों में हैं, क्योंकि इसमें अमेरिका ही नहीं बल्कि कई देशों के लोगों की भी मौत हुई थी।

सबसे बड़ा आतंकी हमला

य़ह दुनिया का सबसे खतरनाक आंतकी हमला था। यह अमेरिका की न्यूयॉर्क की शान मानी जाने वाली इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पलभर में आतंकियों के खतरनाक मंसूबे से राख हो गई थी। अल कायदा के आतंकी हमले में सैकड़ों बेगुनाह अमेरिकी नागरिकों की जान चली गई। आतंकी हमले के धमाकों ने दुनिया के सबसे ताकतवर देश को हिला कर रख दिया था। सुबह करीब 8.30 बजे के दौरान 45 मिनट के अंदर ही 110 मंजिला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतें जमींदोज हो गई थी।

‘अफगानिस्तान की एक कप चाय की कीमत चुका रहा पाकिस्तान’, डिप्टी PM ने बढ़ते आतंकवाद पर दिया बयान तो हुई किरकिरी

बताया यह भी जाता है कि अलकायदा के आतंकियों ने 4 यात्री विमान अगवा कर लिया था। इसके बाद चार में से दो विमान को न्यूयॉर्क सिटी में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकरा दिए गए। इसके अलावा तीसरा पेंटागन पर और चौथा विमान एक खेत में क्रैश हो गया। सुबह 8.46 बजे आतंकियों ने अमेरिकी विमान संख्या 11 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टावर से टकराकर तबाही मचाई।

सुबह-सुबह हुआ था हमला

सुबह 9.03 बजे आतंकियों ने अगवा फ्लाइट संख्या 175 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के साउथ टावर से टकरा दिया. इससे पूरा अमेरिका थर्रा गया। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 2 विमान टकराने के बाद आतंकियों ने करीब 10.03 बजे के करीब तीसरे विमान को अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में टकरा दिया था।

कितने लोगों की हुई थी मौत

अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमले में 2974 लोगों की जान चली गई थी। अमेरिका समेत 70 अलग-अलग देशों के निर्दोष नागरिक बने थे। इस आतंकी हमले में जान गंवाने वालों में 343 दमकल विभाग और 60 पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। हमले के वक्त डब्ल्यूटीसी परिसर के भीतर करीब 18,000 लोग मौजूद थे।

फिलिस्तीन को भी भारत से उम्मीद, कहा- इंडिया दोनों का दोस्त, निभा सकता है मध्यस्थ की भूमिका

हमले के बाद आनन फानन में ज्यादातर लोगों को परिसर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था, उस दिन न्यूयॉर्क में कुल 2,753 लोगों की जान गई थी। भयावह घटना को अंजाम देने वाले 19 आतंकियों की भी मौत हुई थी।

जिम्मेदार ओसामा बिन लादेन को मारकर लिया था बदला

इस हमले का मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद था, जो ओसामा बिन लादेन का खास दोस्त था। बाद में अमेरिका ने एक ऑपरेशन में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। इस ऑपरेशन के लिए अमेरिका की स्पेशल टीम बिना बताए पाकिस्तान के एबटाबाद पहुंची थी और वहां जाकर ओसामा को मार गिराया था।