अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा है कि वह तालिबान की हिंसक गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के साथ अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से कहा गया कि वे तालिबान द्वारा खुद को उभारने और संगठन में नई जान डालने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सुरक्षित ठिकानों को बंद कराने के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ संपर्क में है।
पाकिस्तान से सटे सीमाई इलाकों में हैं तालिबान के पनाहगाह: पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी की गुरुवार को यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है, जब राष्ट्रपति जो बाइडेन यह घोषणा कर चुके हैं कि 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का काम पूरा हो जायेगा। किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सीमा पर ऐसे पनाहगाह अतीत से ही समस्या रहे हैं। इसे लेकर कोई सवाल ही नहीं है। हम जानते हैं कि तालिबान उन पनाहगाहों का उपयोग अपने आप को मजबूत करने, फिर से प्रशिक्षित करने, खुद को फिर से उभारने, साजिश रचने के लिए कर सकता है और इस बारे में हम लगातार पाकिस्तान के संपर्क में हैं।’’
किर्बी ने कहा कि पाकिस्तान खुद उन पनाहगाहों से संचालित होने वाले आतंकवादी नेटवर्क का पीड़ित रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस समस्या से वे भी पीड़ित हैं और हम उनके साथ इस विषय पर काम करना जारी रखेंगे कि उन पनाहगाहों को कैसे बंद किया जाये।’’ हालांकि उन्होंने पाकिस्तान के साथ अमेरिका की बातचीत का ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक कठिन समस्या है। हम जानते हैं कि अभी और काम किये जाने की जरूरत है और हम अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ इस विषय पर बातचीत करना जारी रखेंगे।’’
गौरतलब है कि तालिबान आतंकवादियों ने हाल के हफ्तों में अफगानिस्तान में कई जिलों पर कब्जा कर लिया है और समझा जाता है कि वह अफगानिस्तान से अमेरिकी और पश्चिमी देशों के सैनिकों की वापसी से पहले देश के लगभग एक तिहाई हिस्से पर नियंत्रण कर सकता है।
बाइडेन बोले- सैनिकों की वापसी का यह सही समय: इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की कि अफगानिस्तान में करीब बीस साल से जारी अमेरिका का सैन्य अभियान 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त देश में अमेरिका ‘राष्ट्र निर्माण’ के लिए नहीं गया था।
अमेरिका के सबसे लंबे समय तक चले युद्ध से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए बाइडेन ने कहा कि अमेरिका के चाहे कितने भी सैनिक अफगानिस्तान में लगातार मौजूद रहें लेकिन वहां की दुसाध्य समस्याओं का समाधान नहीं निकाला जा सकेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ बैठक के बाद अफगानिस्तान पर अपने प्रमुख नीति संबोधन में बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने देश में अपने लक्ष्य पूरे कर लिए हैं और सैनिकों की वापसी के लिए यह समय उचित है।