शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने एक ईसाई धर्मार्थ संगठन पर भारत द्वारा लगाए गए कथित प्रतिबंधों को लेकर आज चिंता व्यक्त की। संगठन के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस की बहस में पेश होकर गैर सरकारी संगठनों को मिलने वाली विदेशी आर्थिक मदद संबंधी नयी दिल्ली की नीतियों में बदलाव की मांग की है। सदन की प्रभावशाली विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष कांग्रेस के सदस्य एड रॉयस ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि जैसे हम आज यहां कर रहे हैं, इस मामले पर ध्यान आकर्षित करने से इस बात में मदद मिलेगी कि 1,45,000 बच्चे उन सेवाओं से दुखद रूप से वंचित नहीं रह जाएं, जिनकी उन्हें अत्यंत आवश्यकता है और अमेरिकी परिवार अत्यंत गरीबी में जी रहे बच्चों को भोजन एवं शिक्षा शुल्क के लिए प्रति माह 38 डॉलर भेजना जारी रख सकें।’

रॉयस के साथ अन्य सांसदों एवं मानवाधिकार संगठनों के प्रतिनिधियों और ईसाई धर्मार्थ संगठन कम्पैशन इंटरनेशनल :सीआई: ने कहा कि कराधान कानून लागू करने एवं विदेशी आर्थिक मदद का नियमन करने के हालिया प्रयासों ने उनके लिए भारत में गरीब बच्चों के लिए काम करना असंभव बना दिया है। सीआई पर भारत में धर्मांतरण की गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप अक्सर लगते रहे हैं।