थिंक टैंक RAND corporation की रिपोर्ट से अमेरिकी रक्षा मंत्री एश कार्टर इतना घबराना गए कि उन्‍होंने आनन-फानन में पूर्वी यूरोप में सैन्‍य क्षमता बढ़ाने की घोषणा कर डाली। अमेरिका इस बात को लेकर कितना चिंतित हो गया था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रक्षा मंत्री ने सैन्‍य क्षमता बढ़ाने के संबंध में उसी दिन घोषणा कर डाली, जिस दिन RAND corporation की रिपोर्ट सामने आई। इस अमेरिकी थिंक टैंक ने दावा किया है कि अगर रूस चाहे तो वह सिर्फ 60 घंटे में पूर्वी यूरोप के देशों की राजधानी पर कब्‍जा कर सकता है।

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RAND corporation ने लिखा है कि नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) में शामिल पूर्वी यूरोप के देशों की स्थिति ठीक नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी बटालियन इस्‍तोनिया और लात्विया की राजधानी टैलिन और रीगा पर तीन दिन से भी कम समय में कब्‍जा कर सकती है। यहां नाटो को कभी भी शिकस्‍त का सामना करना पड़ सकता है, क्‍योंकि इस समय उसके पास ज्‍यादा सैन्‍य विकल्‍प नहीं हैं। ये दोनों राष्‍ट्र NATO के सदस्‍य हैं।

हालांकि, रिपोर्ट में इसका समाधान बताया गया है, लेकिन यह बेहद महंगा भी है। RAND corporation ने सुझाव दिया है कि नाटो देशों को बाल्टिक क्षेत्र में स्थित नाटो देशों को बचाने के लिए कम से कम सात आर्म्‍ड ब्रिगेड तैनात करती होंगी। इनमें तीन बिग्रेड भारी-भरकम हथियारों से लैस होनी चाहिए। हालांकि, सात आर्म्‍ड ब्रिगेड रखने के लिए नाटो देशों को हर साल करीब 3.7 अरब डॉलर खर्च करने होंगे।

यूएस थिंक टैंक यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब सीरिया में ISIS के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रूस का अमेरिका, तुर्की समेत कई नाटो देशों के साथ टकराव चल रहा है। इसी सप्‍ताह बीबीसी ने भी रिपोर्ट दी थी कि स्‍वीडन गॉटलैंड स्थित अपने बेस पर फिर से सैन्‍य शक्ति बढ़ा रहा है। आपको बता दें कि कोल्‍ड वॉर के दौर में स्‍वीडन का यह बेस बेहद अहम माना जाता था।