पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को अलग-अलग तौर पर देखता है। यहां किसी एक के बदले दूसरे के साथ रिश्ते बनाने वाली बात नहीं है। पेंटागन के प्रेस सचिव पीटर कुक ने सोमवार (16 मई) को एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं को बताया, ‘अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को भारत के साथ संबंध के समीकरण को संतुलित करने के क्रम में नहीं देखता। हम इन संबंधों को अलग-अलग रखते हुए देखते हैं।’
कुक ने कहा कि इस मुद्दे पर अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने पिछले माह भारत की यात्रा के दौरान अपना रूख स्पष्ट कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘उस देश के आतंकी समूहों से निपटने में हमारा और पाकिस्तान का हित है। हमने इस बारे में लंबी बात की है और पाकिस्तान के साथ सुरक्षा संबंध का यह केंद्र है।’ ‘इसी के साथ, हमारे भारत के साथ जुड़े हुए सुरक्षा हित हैं, जो अलग हैं।’ उन्होंने कहा कि कार्टर को यह लगता है कि इस संबंध को आगे बढ़ाया जा सकता है।
भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने के अवसर :पेंटागन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की यात्रा से पहले अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है और दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग मजबूत करने के अवसर हैं। पेंटागन प्रेस सचिव पीटर कुक ने सोमवार (16 मई) को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अमेरिका के रक्षा मंत्री (एश्टन कार्टर) का मानना है कि सैन्य मामलों पर अमेरिका और भारत के बीच सहयोग और बढ़ाने के अवसर अब भी हैं।’
कुक ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘हमारे विश्व के इस हिस्से में साझे सुरक्षा हित हैं। मुझे लगता है कि मंत्री को इस बात का भरोसा है कि हमारे बीच जो मजबूत संबंध हैं, वे भविष्य में और मजबूत होंगे।’ उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री जून में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का ‘‘इंतजार कर रहे हैं। कुक ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘जब वह भारत में थे, तब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और वह संबंधों को उस यात्रा से आगे बढ़ाना चाहते हैं। वह उन मजबूत संबंधों को और आगे बढ़ाना चाहते हैं जो उन्होंने मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मंत्री पर्रिकर के साथ स्थापित किए हैं।’
कार्टर पिछले महीने भारत गए थे और इस दौरान उन्होंने भारतीय समकक्ष मनोहर पर्रिकर से बातचीत की थी और वह प्रधानमंत्री से मिले थे। कुक ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इन संबंधों को और मंत्री पर्रिकर के साथ अपने संबंध को लेकर मंत्री अच्छा महसूस करते है। मुझे लगता है कि वह इसे सैन्य मामलों पर अमेरिका और भारत के बीच भविष्य में सहयोग के अवसर के तौर पर देखते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत ने जिस गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और वहां जो ठोस वार्ताएं हुईं, मंत्री उनकी बहुत सराहना करते हैं।’