पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अमेरिका दौरे पर हैं। उनसे मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को पाकिस्तान की कोशिशों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगान शांति प्रक्रिया में अमेरिका की मदद कर रहा है। ट्रंप ने यह बात पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ व्हाइट हाउस में पहली बैठक के दौरान कही। हालांकि, ट्रंप यह जताना भी नहीं भूले कि वह अपनी सेना का इस्तेमाल करके अफगानिस्तान में जारी टकराव को कुछ ही दिनों में खत्म कर सकते हैं और ‘अफगानिस्तान का धरती पर से नामो निशान मिट जाएगा।’ ट्रंप ने कहा कि वह बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहते हैं।

इमरान खान के साथ पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित कई लोग मौजूद थे। ट्रंप ने इन सभी का व्हाइट हाउस पहुंचने पर स्वागत किया। ट्रंप प्रशासन ने अफगानिस्तान में अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध का हल निकालने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। इमरान खान की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब समझा जाता है कि अमेरिका और अफगान तालिबान के बीच बातचीत एक निर्णायक दौर में पहुंच गई है।

अमेरिका अफगानिस्तान में राजनीतिक हल निकालने की कोशिश कर रहा है। अफगानिस्तान में सितंबर आखिर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। इसके साथ ही अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान से हटाने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि, ट्रंप ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, ‘अगर हम अफगानिस्तान में जंग लड़ना और जीतना चहते तो मैं यह जंग एक हफ्ते में जीत जाता। मैं बस एक करोड़ लोगों को मारना नहीं चाहता।’

ट्रंप ने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में अफगानिस्तान विवाद के लिए बातचीत प्रक्रिया में वे काफी आगे बढ़े हैं और इसमें पाकिस्तान ने काफी मदद की है। उन्हें इमरान से मुखातिब होकर कहा, ‘अमेरिका के लिए बहुत सारी अच्छी चीजें हो रही हैं। मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में पाकिस्तान के लिए भी बहुत सारी अच्छी चीजें होने जा रही हैं।’ ट्रंप का यह बयान उनके पुराने रुख के उलट है जब वह पाकिस्तान पर संदिग्ध भूमिका अपनाने का आरोप लगा चुके हैं। बीते साल ही उन्होंने पाकिस्तान के लिए सुरक्षा मोर्चे पर मदद में 300 मिलियन डॉलर की कटौती की थी।