अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो अबे को धमकी दी है कि वह ढाई करोड़ मैक्सिकोवासियों को उनके देश भेज देंगे। ये पिछले हफ्ते संपन्न हुई जी7 देशों की मीटिंग में साथी नेताओं से कही गई सबसे तीखी बातों में से एक थी। जी7 देशों का समिट दुनिया की सबसे विकसित औद्योगिक और लोकतंत्रिक देशों की बैठक थी। लेकिन ये बैठक बेहद कटुतापूर्ण माहौल में खत्म हुई। जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने अचानक इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया और कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडू पर कड़वाहट से हमला किया।
पर्दे के पीछे, बैठक में हिस्सा लेने वाले ट्रंप के समकक्ष इस बैठक में हुई जुबानी जंग से बेहद निराश हैं। फिर चाहें वह बात व्यापार, आतंकवाद और पलायन के मुद्दे ही क्यों न हों? वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मौके पर मौजूद यूरोपियन अधिकारियों के हवाले से खबर प्रकाशित की है। ट्रंप ने एक वक्त में प्रवासियों को यूरोप की बड़ी समस्या बताया। इसके बाद जापान के प्रधानमंत्री शिज़ो अबे से मुखातिब होते हुए ट्रंप ने कहा,”शिज़ो, तुम्हारे यहां ये समस्या नहीं है, लेकिन मैं तुम्हें ढाई करोड़ मैक्सिको के नागरिक भेज सकता हूं और इसके बाद तुम्हारी कुर्सी जल्दी ही चली जाएगी।” यूरोपीय यूनियन के अधिकारी के मुताबिक, इस बात के बाद कमरे में तनाव का माहौल पैदा हो गया था।
सूत्रों के मुताबिक जब विषय ईरान और आतंकवाद की तरफ मुड़ा, ट्रंप ने फ्रांस के प्रधानमंत्री इमैनुअल मैक्रोन की तरफ निशाना साधते हुए कहा,”तुम्हें इस बारे में पता होना चाहिए इमैनुअल, क्योंकि सभी आतंकवादी पेरिस में हैं। यूरोपियन कमिशन के अध्यक्ष जीन क्लॉड जंकर भी नाराज दिखे जब उन्हें ट्रंप ने बार-बार निर्मम हत्यारा कहा। ये बातें ट्रंप ने ब्लॉक के अविश्वास प्रस्ताव और अमेरिकी तकनीकी कंपनियों पर जुर्माना लगाने के संबंध में कहीं थीं।
कारोबार में पैदा हुए कटुतापूर्ण संबंधों के कारण कनाडा की मेजबानी में आयोजित ये समिट जल्दी ही खत्म हो गया। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता ट्रंप के स्टील और एल्यूमीनियम पर कर लगाने की धमकी के बाद विरोध में लामबंद हो गए। संयुक्त बयान के प्रस्ताव को नकारने के बाद ट्रंप और उनके शीर्ष सहयोगी कनाडा के पीएम ट्रूडू पर बरस पड़े। उन्होंने उन पर बेईमानी और धोखे के आरोप लगाए। शुक्रवार (15 जून) को ट्रंप ने संयुक्त बयान को नकारने की खबरों को झूठ करार दिया। उन्होंने ट्विटर पर झूठी खबरें फैलाने वाली मीडिया को उनकी जी7 देशोें नेताओं के साथ गलत तस्वीरें फैलाने का भी आरोपी बताया।