अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने सेना में नए और सख्त नियम लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत सैनिकों को दाढ़ी रखने, लंबे बाल रखने और खास केश सज्जा, गहने या कपड़ों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। इस फैसले पर अमेरिकी सेना में मौजूद सिख समुदाय ने नाराजगी जताई है, वे इसे अपने धार्मिक अधिकारों में दखलंदाजी मान रहे हैं।
सिख समुदाय का मानना है कि यह नियम उनकी धार्मिक पहचान और परंपराओं का सम्मान नहीं करता है। सिख गठबंधन ने सोशल मीडिया पर कहा, हम रक्षा सचिव के इस फैसले से नाराज हैं और गहरी चिंता जताते हैं। यह नियम सिख सैनिकों के धार्मिक चिन्ह, जैसे दाढ़ी और पगड़ी, पहनने के अधिकार को छीनता है। पीट हेगसेथ ने वर्जीनिया में सैन्य अधिकारियों से कहा था कि अब सेना में दाढ़ी, लंबे बाल या दिखावट की इजाजत नहीं होगी।
1917 में अमेरिकी सेना में भर्ती होने वाले पहले सिख सैनिक थे भगत सिंह थिंड
अपने बाल कटवाएं, दाढ़ी हटाएं और सेना के मानक का सख्ती से पालन करें। उन्होंने सैनिकों से फिटनेस और अनुशासन पर ध्यान देने को भी कहा। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम अमेरिकी सेना को उच्च स्तर तक ले जाएगा। मालूम हो कि पहले विश्वयुद्ध के बाद से ही अमेरिकी सेना में सिख सैनिक शामिल रहे हैं। भगत सिंह थिंड 1917 में अमेरिकी सेना में भर्ती होने वाले पहले सिख सैनिक थे, जिन्हें ड्यूटी के दौरान पगड़ी पहनने और दाढ़ी रखने की इजाजत थी।
यहूदियों के लिए दाढ़ी रखना उनकी परंपरा का हिस्सा
लेकिन अब दाढ़ी रखने पर रोक के बाद सिख और मुसलिम संगठन ने चेतावनी दी है, कि यदि यह नीति लागू हुई, तो कई सैनिकों को अपने धर्म और करियर में से एक चुनने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। नई नीति ने सिर्फ सिखों को नहीं, बल्कि मुसलिम और यहूदी सैनिकों को भी परेशान कर दिया है। मुसलिम सैनिकों के लिए दाढ़ी रखना धार्मिक दायित्व है, जबकि यहूदियों के लिए यह उनकी परंपरा का हिस्सा है।