US Bans Advanced Tech Firms: अमेरिकी सरकार से फंडिंग लेकर चीन में प्लांट लगाने वाली प्रौद्योगिकी फर्म पर बाइडेन एडमिनिस्‍ट्रेशन ने एक दशक के लिए बैन लगा दिया है। दरअसल, बाइडेन प्रशासन ने ऐलान किया है कि चीन में उन्नत प्रौद्योगिकी सुविधाओं के लिए प्लांट लगाने वाली फर्म को एक दशक के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। क्योंकि अब अमेरिकी सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की योजना का प्रारूप तैयार किया है। कारों से लेकर घरेलू उपकरणों तक हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में जो मुख्य रूप से एशिया के लिए तैयार किए जाते हैं।

दरअसल, अगस्त में अमेरिकी कांग्रेस की ओर से अप्रूव्ड यूएस चिप्स एंड साइंस एक्ट (चिप्स), वाशिंगटन और बीजिंग के बीच लंबे समय से चल रहे तकनीकी विवाद की अमेरिकी प्रतिक्रिया का हिस्सा है, क्योंकि अमेरिकी कंपनियां चीनी कारखानों में उत्पादित घटकों पर निर्भरता कम करने के लिए अधिक सरकारी समर्थन की मांग करती हैं। अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने कहा कि उसे अमेरिका में नई उत्पादन सुविधाओं के निर्माण के लिए सरकारी सेमीकंडक्टर सब्सिडी का फरवरी 2023 तक आवेदन मांग सकता है। यह योजना चिप संयंत्रों के लिए 25% निवेश कर क्रेडिट भी देगी, जहां निर्माण अगले साल से शुरू होगा।

अमेरिका में चिप की खपत 25 फीसदी से अधिक

अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए रेलिंग भी लागू करने जा रहे हैं कि चिप फंड प्राप्त करने वाले लोग राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते। उन्हें चीन में निवेश करने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। वे चीन में अग्रणी प्रौद्योगिकी विकसित नहीं कर सकते।” रेईमोंडो ने कहा, “आज अमेरिका में दुनिया की अत्याधुनिक चिप की खपत 25 फीसदी से अधिक है जबकि उत्पादन शून्य।” अधिकांश चिप ताइवान और दक्षिण कोरिया के कारखानों में निर्मित होते हैं।

जो बाइडन ने किया चिप विधेयक पर हस्ताक्षर

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले महीने 280 अरब डॉलर के चिप विधेयक पर हस्ताक्षर किए थे। दरअसल, बाइडेन प्रशासन सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में चीन को टक्कर देने के साथ-साथ घरेलू स्तर पर इनके उच्च प्रौद्योगिकी के विनिर्माण को बढ़ावा देना चाहता है। अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रेईमोंडो ने मंगलवार (6 सितंबर) को व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा कि वाणिज्य विभाग की योजना चिप क्षेत्र में 50 अरब डॉलर का निवेश करने की है।

अमेरिका के फैसले का चीन ने किया विरोध

वहीं, वाशिंगटन में चीन के दूतावास ने पहले बिल का विरोध करते हुए कहा था कि यह शीत युद्ध की मानसिकता की याद दिलाता है। चीन को प्रौद्योगिकी की बिक्री पर अमेरिका की कार्रवाई का असर पहले से ही शुरू हो गया है। अमेरिकी चिप डिजाइनर एनवीडिया ने पिछले सप्ताह इस बात का खुलासा किया था कि अमेरिकी अधिकारियों ने चीन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के काम के लिए दो शीर्ष कंप्यूटिंग चिप का निर्यात बंद करने के लिए कहा था।