अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को पाकिस्तान को किसी भी संभावित राहत पैकेज देने के प्रति आगाह किया है। विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने सोमवार (31 जुलाई) को ‘सीएनबीसी’ को दिए एक इंटरव्यू में आईएमएफ को चेतावनी दी है कि वो पाकिस्तान को राहत पैकेज देने की गलती ना करे। पॉम्पियो ने कहा कि आईएमएफ जो भी करेगा उस पर हमारी नजर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मीडिया में इस तरह की खबरें आई हैं कि पाकिस्तान आईएमएफ से 12 अरब डॉलर का भारी भरकम पैकेज चाहता है। पॉम्पियो से इसी बारे में पूछा गया था।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि हम पाकिस्तान की नई सरकार के साथ काम करने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस वक्त बड़े फंड की जरूरत है क्योंकि उस पर चीन और विश्व बैंक का बड़ा कर्ज है। इस बीच, आईएमएफ ने स्पष्ट किया है कि उसे अभी तक पाकिस्तान से इस तरह का आग्रह नहीं मिला है। आईएमएफ, विश्व बैंक और चीन के ऋण की चूक से बचने के लिए पाकिस्तान को अगले कुछ माह में तीन अरब डॉलर की जरूरत है। पाकिस्‍तान पहले ही चीन से पांच बिलियन डॉलर का कर्ज ले चुका है। पाकिस्‍तान के बैंकों को इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट्स को पूरा करने के लिए एक बिलियन डॉलर के कर्ज की और जरूरत होगी।

रविवार (30 जुलाई) को ‘द टाइम्स’ ने खबर छापी थी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे पहले इमरान खान देश के इतिहास में सबसे बड़े बेलआउट पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं। कहा जा रहा है कि इमरान के पीएम बनते ही आईएमएफ से 12 अरब डॉलर यानी लगभग 825 अरब रुपए का बेलआउट पैकेज की मांग पाकिस्तान करेगा। फिलहाल पाकिस्तान करेंसी क्राइसिस से जूझ रहा है। बिजनेस वर्ल्ड के विशेषज्ञों के मुताबिक आईएमएफ पाकिस्तान को यब बेलआउट पैकेज दे सकता है। अगर ऐसा होता है तो पांच साल के अंदर पाकिस्तान के लिए यह दूसरा बेलआउट पैकेज होगा।

(भाषा की इनपुट्स के साथ)