अमेरिकी राष्ट्रपति निवास व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर बुधवार दोपहर नेशनल गार्ड के दो सदस्यों पर गोलीबारी की गयी। वाशिंगटन डीसी में तैनात वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो सदस्यों को बुधवार को व्हाइट हाउस के पास हिंसा की एक घटना में गोली मार दी गई। डीसी के मेयर म्यूरियल बोसर ने इसे टार्गेटेड अटैक बताया है। इस अटैक के बाद से व्हाइट हाउस में लॉकडाउन लग गया है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस हमले के समय फ्लोरिडा में थे। उन्होंने संदिग्ध को जानवर कहा और कहा कि उसे बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, ट्रंप ने लिखा, “जिस जानवर ने दो नेशनल गार्ड्स के जवानों को गोली मारी थी, दोनों गंभीर रूप से घायल हैं और अब दो अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं, वह भी गंभीर रूप से घायल है। फिर भी उसे इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। ईश्वर हमारे महान नेशनल गार्ड्स और हमारी पूरी सेना तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आशीर्वाद दे। ये सचमुच महान लोग हैं। मैं, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में, और राष्ट्रपति पद के कार्यालय से जुड़े सभी लोग, आपके साथ हैं।”

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि दोनों गार्ड सदस्य गंभीर रूप से घायल स्थिति में हैं और एफबीआई जांच का नेतृत्व कर रही है। बीबीसी ने बताया कि संदिग्ध की पहचान 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में हुई है जो एक अफगान नागरिक है। वह 2021 में अमेरिका में दाखिल हुआ था।

पढ़ें- रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर बोले ट्रंप- मेरे पास कोई समय सीमा नहीं

सैनिकों ने हमलावर को पकड़ लिया

गोलीबारी व्हाइट हाउस से लगभग दो ब्लॉक दूर एक मेट्रो स्टेशन के पास हुई। मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के कार्यकारी सहायक प्रमुख ने बताया कि गोलियों की आवाज़ सुनकर, इलाके में मौजूद अन्य नेशनल गार्ड सैनिकों ने संदिग्ध को घेर लिया। उसे गोली लगी है और अस्पताल ले जाया गया। संदिग्ध के घाव जानलेवा नहीं लग रहे हैं। पुलिस ने पुष्टि की है कि कोई अन्य संदिग्ध इसमें शामिल नहीं था और इलाके में मौजूद सैनिक बंदूकधारी को पकड़ने में कामयाब रहे।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जो वाशिंगटन डीसी में गोलीबारी के समय केंटकी में थे, ने कहा कि गोलीबारी के पीछे का स्पष्ट मकसद अभी भी अज्ञात है। एफबीआई निदेशक काश पटेल ने इस घटना को हमला बताया है जबकि डीसी मेयर बोसर ने इसे लक्षित गोलीबारी करार दिया है।

वाशिंगटन पुलिस ने कहा- हमले के पीछे के मकसद का पता नहीं

वाशिंगटन पुलिस के कार्यकारी सहायक प्रमुख जेफरी कैरोल ने कहा कि जांचकर्ताओं को अभी हमले के पीछे के मकसद का पता नहीं चला है। उन्होंने बताया कि हमलावर एक कोने से आया और वीडियो फुटेज के अनुसार उसने सैनिकों को देखते ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं। एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि पुलिस हिरासत में लिए गए एक संदिग्ध को भी गोली लगी है लेकिन ऐसा बताया गया है कि उसकी चोटें जानलेवा नहीं हैं। गोलीबारी के बाद ट्रंप प्रशासन ने तुरंत 500 और नेशनल गार्ड सदस्यों को वाशिंगटन भेजने का आदेश दिया है। रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अतिरिक्त सैनिक भेजने के लिए कहा है।

पढ़ें- अमेरिका की शांति योजना पर चर्चा के लिए जिनेवा में अहम बैठक

(एपी के इनपुट के साथ)