पाकिस्तानी राष्ट्रपति आलिफ अल्वी ने जम्मू और कश्मीर के हालात पर कथित तौर पर एक फर्जी ट्वीट किया, तो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर ने उन्हें नोटिस भेज दिया। राष्ट्रपति को जैसे ही यह चिट्ठी मिली, तो पाकिस्तानी मूल के कई लोग सोशल मीडिया पर इस बाबत आग-बबूला हो उठे और टि्वटर पर अनर्गल आरोप लगाते हुए इसके पीछे भारत और नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताने लगे।

पड़ोसी मुल्क में मानवाधिकार मामलों के मंत्री शिरीन मजारी ने इस बारे में ट्वीट, “टि्वटर, दुष्ट मोदी सरकार का मुखपत्र बनने के मामले में बहुत आगे निकल गया है! उन्होंने हमारे राष्ट्रपति को एक नोटिस भेजा है! यह बेहद खराब और वाहियात बात है।”

वहीं, रविवार को मुल्क के संचार मंत्री मुराद सईद भी बोले थे कि उन्हें भी टि्वटर से नोटिस मिला था कि उनके एक ट्वीट ने भारतीय नियम और कानूनों का उल्लंघन किया है। पाक सरकार में इन दो मंत्रियों के अलावा सोशल मीडिया पर कई और यूजर्स ने भी इस मसले पर अपना विरोध जाहिर किया था।

मजारी ने इस ट्वीट के साथ उस मेल का स्क्रीनशॉट भी अपलोड किया, जो टि्वटर की तरफ से अल्वी को भेजा गया था। उक्त ई-मेल के जरिए टि्वटर ने कहा था, “हमें @ArifAlvi अकाउंट के संबंध में शिकायत मिली थी।” टि्वटर ने इसके बाद अल्वी के ट्वीट का जिक्र किया था।

टि्वटर ने मेल में आगे लिखा, “हमने दी गई शिकायत पर कंटेंट की जांच की और पाया कि उससे टि्वटर के नियमों या फिर किसी संबंधित कानून का उलंल्घन नहीं हुआ है। यही वजह है कि हमने इस बाबत कोई ऐक्शन नहीं लिया।”

क्या था PAK राष्ट्रपति के ट्वीट में?: अल्वी ने घाटी का एक वीडियो शेयर करते हुए 24 अगस्त को ट्वीट किया था, “कर्फ्यू, बैन, ब्लैकआउट, टियरगैस और फायरिंग के बाद भी कश्मीर में कल ऐसे हालात थे। भारत के खिलाफ कश्मीरियों का आक्रोश किसी प्रकार का दबाव या बर्बारता नहीं दबा सकती है। वे किसी भी कीमत पर आजादी चाहते हैं। कृपया इसे रीट्वीट करें और दुनिया को इस बारे में बताएं।

पाकिस्तान राष्ट्रपति के ट्वीट को लेकर शिकायत ऐसे वक्त पर दी गई, जब माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने हाल ही में 200 से अधिक टि्वटर हैंडल्स को सस्पेंड कर दिया था। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन अकाउंट्स से कश्मीर के मसले पर आपत्तिजनक पोस्ट किए गए थे।