तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयीप एरदोगन ने रविवार (21 अगस्त) को कहा कि देश के दक्षिणपूर्वी शहर गाजियनटेप में एक विवाह समारोह के दौरान किए गए बम हमले में जिहादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) का हाथ हो सकता है। इस हमले में कम से कम 30 लोग मारे गए और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। एक लिखित बयान में एरदोगन ने कहा है कि अमेरिका में रह रहे उपदेशक फतहुल्ला गुलेन के समूह, कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) और दाएश के बीच कोई अंतर नहीं है। एरदोगन के अनुसार, प्रतिबंधित पीकेके ने 15 जुलाई को तख्ता पलट की कोशिश की थी जो नाकाम हो गई थी। उन्होंने गाजियनटेप में हुए हमले में आईएस का हाथ होने की आशंका जताते हुए कहा ‘हमारे देश और हमारे राष्ट्र ने एक बार फिर हमलावरों को एक ही संदेश दिया, आप सफल नहीं होंगे।’
एरदोगन ने कहा कि पीकेके ने पिछले माह सुरक्षा बलों पर हमला किया और 70 लोगों की जान ले ली। उन्होंने कहा कि गाजियनटेप जैसे हमलों का उद्देश्य तुर्की में अरब, कुर्द और तुर्कमेन जैसे विभिन्न समूहों के बीच मतभेद पैदा करना और मूलनिवासी तथा धार्मिक आधार पर लोगों में वैमनस्य फैलाना है। एरदोगन ने कहा ‘तुर्की गाजियनटेप में हमले के उकसावे में नहीं आएगा बल्कि एकता, भाईचारा और सद्भाव दिखाएगा।’ तुर्की लंबे समय से कहता आ रहा है कि वह जिन विभिन्न ‘प्रतिबंधित’ आतंकी समूहों से लड़ रहा है उनमें कोई अंतर नहीं है। साथ ही तुर्की ने पश्चिमी देशों से पीकेके के खिलाफ कड़ा कदम उठाने का अनुरोध भी किया है।