Turkey-Syria Earthquake: तुर्की (Turkey) में आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 7 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। बचावकर्मी तीन दिन से लगातार लोगों को बचाने में जुटे हैं। खराब मौसम और कड़ाके की ठंड में रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि, बचावकर्मी लगातार लोगों की मदद में जुटे हैं और मलबे में दबे लोगों को निकाल रहे हैं। जैसे-जैसे समय गुजर रहा है, चुनौती भी बढ़ती जा रही है क्योंकि लोग मलबे में दबे हैं और उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकालना होगा।
अब तक 7,200 लोगों की गई जान
1999 के बाद यह दूसरा ऐसा भूकंप है, जिसने इतने बड़े स्तर पर तबाही मचाई है। 7.8 तीव्रता वाले इस भूकंप के कारण स्कूलों, अस्पतलों और अपार्टमेंट की हजारों इमारतें ढह गई हैं। इनमें दबकर हजारों लोगों की जान चली गई। अभी तक 7,200 लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र ने आशंका जताई है कि मरने वालों में हजारों बच्चे भी हो सकते हैं। तुर्की में सोमवार को एक के बाद एक 3 भूकंप आए, जिनमें दो भूकंप की तीव्रता 7.8 और 7.5 थी। सबसे ज्यादा तबाही 7.8 तीव्रता वाले भूकंप के कारण हुई है। भूकंप के बाद भी यहां कई आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए।
कड़ाके की ठंड ने बढ़ाई दिक्कत
तुर्की में बेहद ठंड है। ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन मुश्किलभरा होता जा रहा है और बेघरों के लिए स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है। इस भूकंप में लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं। ऐसे में खुले आसमान के नीचे ठंड में समय गुजारना लोगों के लिए बेहद मुश्किलभरा होता जा रहा है। न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर बिजली और तेल की भी किल्लत है। प्रभावित क्षेत्रों में बचावकर्मी रात-दिन बचावकार्यों में जुटे हैं। कई लोग जान बचाने के लिए मलबों के टीलों पर पहुंच गए ताकि उनके दोस्त, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को उन्हें ढूंढने में आसानी हो। सोमवार को भी तुर्की के राष्ट्रपति तईप एर्दोगन ने कहा था कि खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन और ज्यादा दिक्कतभरा होता जा रहा है। हालांकि, कड़ाके की ठंड में भी सभी लोग मदद करने में जुटे हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने जताई चिंता
इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम ग्रेबेसियस ने तुर्की के हालातों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ये समय के खिलाफ दौड़ है, जैसे-जैसे समय बीत रहा ही, चुनौती भी बढ़ती जा रही है। अधिकारियों ने सीरिया को लेकर भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि वह पहले से ही सिविल वॉर के कारण सालों से मानवीय संकट से गुजर रहा है।