State of emergency in Turkey: तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन (President Recep Tayyip Erdogan) ने बड़े पैमाने पर भूकंप (Massive Earthquakes) से प्रभावित 10 प्रांतों में अगले तीन महीने तक आपात स्थिति (State of emergency) की घोषणा की है। तुर्की की अनादोलू समाचार एजेंसी (Anadolu news agency) ने राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के हवाले से ये जानकारी दी है। तुर्की में भूकंप के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं।
राष्ट्रपति एर्दोगन के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ऐलान
राष्ट्रपति एर्दोगन के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी इस बारे में ट्वीट किया गया है। उनके ट्वीट में जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि तुर्की के संविधान के अनुच्छेद 119 का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति एर्दोगन ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 10 प्रांतो में राहत और बचाव अभियान को तेज़ी से चलाने के लिए आपातकाल लगाने का फैसला किया है। राष्ट्रपति ने तुर्की के पांचवें सबसे बड़े शहर अंताल्या में भूकंप से बेघर हुए लोगों को वहां के कमर्शियल होटलों में ठिकाना देने की योजना का भी ऐलान किया।
तुर्की में लगातार बढ़ रही मरने वालों की संख्या
राष्ट्रपति एर्दोगन ने भयानक और सिलसिलेवार भूंकप के बारे में बताया कि केवल तुर्की में मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,549 हो गई है। इस संख्या के अभी और बढ़ने की भी आशंका बनी हुई है। कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स में तुर्की में भूकंप से मरने वालों की संख्या को 5100 से भी ज्यादा बताया जा रहा है।
दुनिया के 70 देशों से तुर्की को मिली मदद की पेशकश
एर्दोगन ने भूकंप के बाद दुनिया के 70 देशों से कई तरह की मदद की पेशकश मिलने के बारे में भी जानकारी दी है। तुर्की में भूकंप के बाद राहत और बचाव अभियान में मदद के लिए कई देशों से तीन हजार से ज्यादा प्रशिक्षित लोग पहुंचे हैं। भारत ने भी विनाशकारी भूकंप से प्रभावित तुर्की के लोगों के लिए दो विमानों में राहत सामग्री और मेडिकल दलों को भेजा है।
तुर्की में भूकंप के बाद आई बाढ़ की आफत
तुर्की में भयानक भूकंप के बाद तबाही के दौरान ही बाढ़ की आफत भी आने की खबर है। तुर्की के हतय प्रांत में नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है। वहीं, तुर्की के गोकसुन इलाके में मंगलवार दोपहर को भी 3.4 तीव्रता के भूकंप के झटके के महसूस किए गए। इस भूकंप का केंद्र गोकसुन से 23 किलोमीटर दक्षिण पूर्व इलाके में था।