इस्तांबुल के अतातुर्क अंतरर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए आतंकी हमले में 41 लोगों की मौत और 239 लोग घायल हो गए हैं। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हमले के पीछे आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ हो सकता है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने एएफपी के हवाले बताया है कि इस हमले में 41 लोगों की मौत और 239 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में 13 विदेश नागरिक भी हैं।

राष्ट्रपति तायिप ने इस घटना की निंदा की है और सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि जो हमला आज इस्तांबुल पर हुआ है वह कल को दुनिया के किसी भी शहर में हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक धमाकों से पहले एयरपोर्ट के इंटरनेशनल टर्मिनल के नजदीक AK-47 बंदूकों से लैस आतंकियों और सुरक्षा गार्ड्स के बीच गोलीबारी हुई। इसके बाद एक जोरदार धमाका हुआ जिसके आत्मघाती धमाका होने की बात कही जा रही है। टाइम मैग्जीन के रिपोर्टर ने घटनास्थल का वीडियो ट्वीट किया है।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने रॉयटर्स को बताया कि धमाके से ठीक पहले एक बंदूकधारी शख्स बेतरतीब गोलियां चलाता हुआ टर्मिनल की ओर भागा था। वहीं पाउल रूस नाम की 77 वर्षीय अफ्रीकी टूरिस्ट ने बताया, “उसके सामने जो भी आ रहा था वह उस पर गोलियां बरसा रहा था। वह ऊपर से नीचे तक काले कपड़े पहले हुए था और उसके चेहरे पर नकाब था। मैं उससे सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर था।” उन्होंने बताया, “हम तुरंत ही एक काउंटर के पीछे छिप गए लेकिन मैं खड़ा हुआ और मैंने उसे देखा। जिस वक्त गोलीबारी जारी थी उसी दौरान एक के बाद एक दो धमाके हुए।” उधर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान-की-मून ने भी इस घटना की निंदा की है।

सिक्योरिटी कैमरा से ली गई फुटेज को सोशल मीडिया पर सर्कुलेट कर दिया गया है। इस फुटेज में तथाकथित रूप से एक सिक्योरिटी गार्ड द्वारा हमलावर को मार गिराने का दृष्य भी शामिल है। हालांकि इस वीडियो की अब तक पुष्टि नहीं की जा सकी है लेकिन कहा जा रहा है कि हमलावर के जमीन पर गिरने के कुछ सेकेंड बाद ही उसने सुसाइड बॉम्ब को एक्टिवेट कर दिया जिसके बाद धमाका हुआ। घटनास्थल पर मौजूद एक टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि वहां पर गोलियों की आवाज इतनी ज्यादा थी कि लग रहा था जैसे तूफान आया हो। चारों तरफ गोलियों की चमक दिख रही थी।

राष्ट्रपति रिसेप तायिप इर्डोगन ने सभी सरकारों एवं देशों को एकजुट होने (विशेषकर पश्चिमी देश) और आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होने को कहा है। एक बयान में उन्होंने कहा, “आज इस्तांबुल में हुआ बम धमाका पूरी दुनिया के किसी भी शहर में हो सकता है। कोई गलती मत कीजिए: आतंकी संगठनों के लिए इस्तांबुल, लंडन, अंकारा, बर्लिन, इजमिर, शिकागो, अटलांटा और रोम में कोई फर्क नहीं है।”

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उन्होंने कहा, “जब तक कि सभी सरकारें और मानवीय शक्तियां मिलकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ी नहीं होतीं, जिन चीजों की कल्पना तक करने से हम डरते हैं उससे भी भयावह चीजों होती रहेंगी।” न्याय मंत्री बेकिर बोजडैग ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, “मैं इस आतंकी हमले की और इसे अंजाम देने वालों की कड़ी निंदा करता हूं।” उन्होंने बताया कि हमलावरों ने AK-47 बंदूकों का इस्तेमाल किया था।