भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इजराइल के ईलात शहर में भारतीय-यहूदी सांस्कृतिक चौक का उद्घाटन किया गया। ये दोनों देशों के बीच सदियों की साझा विरासत और मूल्यों पर विकसित जुड़ाव को समर्पित है।
ईलात के मेयर एली लांकरी ने चौक का उद्घाटन करने के बाद कहा कि यह चौक भारत और इजराइल के बीच प्रेम, मित्रता, परस्पर देखभाल और गहरे जुड़ाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय-यहूदी समुदाय और ईलात शहर के बीच संबंध को दर्शाता है। इस चौक की दीवार पर एक संदेश लिखा है- भारत-इजराइल की मित्रता सदियों की साझा विरासत, मूल्यों और उनके लोगों की आकांक्षाओं की नींव पर बनी है। इसमें कहा गया है, यह मित्रता भारत और इजराइल की पीढ़ियों को प्रेरित करे, जिससे वो इस परंपरा को आगे बढ़ा सकें।
चौक की दीवार के दोनों छोर पर भारत और इजराइल के ध्वज लगे
चौक की दीवार के दोनों छोर पर भारत और इजराइल के ध्वज लगाए गए हैं। दीवार के एक ओर महाराष्ट्र क्षेत्र के बेने इजराइल समुदाय के मलिदा समारोह के प्रतीक की चित्रकारी है। भारतीय-यहूदी समुदाय की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए मलिदा को अब आधिकारिक राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता दी गयी है।
ऐसी मान्यता है कि समुदाय के पूर्वज 175 बीसीई में तु-बश्वत के मौके पर भारत पहुंचे थे। उनका जहाज भारत के तट से दूर डूब गया था। लेकिन सात पुरुषों और कई महिलाओं को बचा लिया गया था। शहर में भारतीय समुदाय के नेता इसाक सोलोमन ने इस स्थल को स्मारक बताया जो भारत और इजराइल के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती का प्रतीक है। ईलात में करीब 120 भारतीय-यहूदी परिवार रहते हैं।
भारतीय दूतावास का कहना है कि यहूदी समुदाय के 85 हजार लोग अकादमिक, विज्ञान, कारोबार, रक्षा तथा अन्य विविध क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों से भारत तथा इजराइल दोनों का ध्वज ऊंचा लहरा रहे हैं। भारतीय समुदाय के सदस्यों, डिप्टी मेयर स्टास बिलकिन और ईलात नगरपालिका के अधिकारियों ने मंगलवार शाम को आयोजित इस समारोह में भाग लिया।