हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बत यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों युवाओं ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और चीन की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धर्मशाला के कचहरी चौक पर युवाओं ने नारेबाजी की। ये विरोध प्रदर्शन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की 20वीं नेशनल कांग्रेस के विरोध में था। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने तिब्बत की आजादी के समर्थन में नारे भी लगाएं।
वहीं तिब्बत यूथ कांग्रेस ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी कर तिब्बत पर चीन के अवैध कब्जे को अस्वीकार करने को दोहराया है। तिब्बत यूथ कांग्रेस ने कहा कि उसने पिछले छह दशकों से तिब्बत में उसके (चीन) दमनकारी शासन की निंदा की है। बयान में कहा गया, “विशिष्ट तिब्बती सांस्कृतिक पहचान को हमले का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तानाशाही के कारण सांस्कृतिक पहचान पर हमला हो रहा है।”
टेंपल रोड से कचहरी अड्डा तक तिब्बती यूथ कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘हम क्या चाहते आजादी’, ‘हिंदी चीनी भाई-भाई’, ‘यही चीन का धोखा है’, ‘नरसंहार बंद करो’, गलवान घाटी याद करो’, ‘जान भी देंगे खून भी देंगे’ और ‘शी जिनपिंग हत्यारा है’ के नारे लगाए गए।
बता दें कि रविवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 20वीं कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने हांगकांग पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है और यहां स्थिति अराजकता से शासन में बदल गई है। वहीं ताइवान को लेकर जिनपिंग ने कहा, “ताइवान की स्वतंत्रता के उद्देश्य से अलगाववादी गतिविधियों और बाहरी हस्तक्षेप के घोर उकसावे के जवाब में हमने अलगाववाद के खिलाफ दृढ़ता से लड़ाई लड़ी है। हमने हर बाहरी हस्तक्षेप का मुकाबला किया है।”
वहीं अपने भाषण के दौरान शी जिनपिंग ने अपने सरकार की कोविड नीति का बचाव किया और कहा कि उनकी सरकार ने लोगों और उनके जीवन को सबसे ऊपर रखा है और एक शून्य-कोविड नीति का दृढ़ता से पालन किया है। वहीं क्षेत्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि सीसीपी के अध्यक्ष शी जिनपिंग सत्ता में अपने कार्यकाल को और पांच साल तक बढ़ाएंगे।
