बांग्लादेश में सियासत पूरी तरह बदल गई है, जहां छात्रों के एक आंदोलन ने शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटने पर मजबूर कर दिया। फिलहाल वह ढाका छोड़ भारत आ गई हैं। नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे से शुरू हुआ यह आंदोलन इतना हावी हो गया कि सेना को एंट्री लेनी पड़ी और अब देश में अंतरिम सरकार का गठन होगा। इस पूरे आंदोलन को छात्र लीड कर रहे थे। जिनमें ढाका विश्वविद्यालय के तीन छात्रों का नाम काफी चर्चा में है। यहां तक कहा जा रहा है कि इन तीनों छात्रों ने इस पूरे आंदोलन को लीड किया था।

कौन थे यह तीन छात्र?

बांग्लादेश में शुरू हुए छात्रों के आंदोलन का केंद्र ढाका विश्वविद्यालय रहा। यहां के तीन छात्र नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर मजुमदार पूरे आंदोलन को संभाल रहे थे। इन तीनों छात्रों में भी नाहिद हसन को काफी बार सड़कों पर बांग्लादेश का झण्डा अपने सिर पर बांधे देखा गया। वह समाजशास्त्र के छात्र हैं।

26 साल के नाहिद सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ़ छात्र आंदोलन को बहुत पहले से संभाल रहे थे। नाहिद हसन का नाम तब काफी चर्चा में आया जब जुलाई में पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया। इस पूरी हिंसा में देशभर में लगभग 300 लोग मारे गए हैं। जिनमें से ज़्यादातर कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्र थे।

मोहम्मद युनूस का नाम आगे किया

नाहिद इस्लाम और उनके साथियों ने कहा है कि छात्र सेना द्वारा संचालित या समर्थित किसी भी सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे और उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार बनाने का प्रस्ताव दिया।

मंगलवार की सुबह फेसबुक पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “हमने जिस सरकार की सिफारिश की है, उसके अलावा कोई भी सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी। हम अपने शहीदों का खून व्यर्थ नहीं जाने देंगे।” नाहिद का जन्म 1998 में ढाका में हुआ था। अब वह नई सरकार के बनाए जाने से पहले हर चर्चा में शामिल किए जा रहे हैं।