दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस बच्चों को अगली पीढ़ी के लिए आईएसआईएस लड़ाके बनाने की ट्रेनिंग दे रहा है। आईएसआईएस के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में अभी 31 हजार महिलाएं गर्भवती हैं। ये महिलाएं सीरिया और इराक में रही रही हैं। बताया जा रहा है कि इन महिलाओं से पैदा हुए बच्चों को आतंकी संगठन अपने लड़ाके बना सकता है। वहीं आतंकी बच्चों का अपहरण करके उन्हें आईएस द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में जबरन भर्ती करा रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चों जिहादी ट्रेनिंग दी जाती है। 10 से 15 साल के इन बच्चों को स्कूलों में आत्मघाती हमलावर बनने की भी ट्रेनिंग जा रही है। आतंकी ग्रुप का मानना है कि बच्चे ज्यादा अच्छे और खतरनाक लड़ाकू हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से आईएस बच्चों का इस्तेमाल आत्मघाती हमलावरों के रूप में ज्यादा कर रहा है। बच्चों को शक की नजर से नहीं देखा जाता और वे आसानी से भीड़ में घुस जाते हैं। ऐसे में आतंकी आसानी से अपने निशाने पर आत्मघाती बच्चों के भेजकर विस्फोट करवा देते हैं।
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ये जानकारी लंदन के क्यूलियम फाउंडेशन की रिपोर्ट ‘चिल्ड्रन ऑफ इस्लामिक स्टेट’ में सामने आई है। इस रिपोर्ट में इस पर गहनता से अध्ययन किया गया है कि बच्चों का आतंकी ग्रुप किस तरह से इस्तेमाल कर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आईएस नियंत्रित स्कूलों में केवल पश्चिमी देशों से बदला लेने के लिए पढ़ाया जाता है। बच्चों के सिलेबस से ड्राइंग, म्यूजिक, राष्ट्रवाद, इतिहास, दर्शनशास्त्र और सामाजिक अध्ययन को हटा दिया गया है। शारीरिक शिक्षा का नाम जिहादी ट्रेनिंग कर दिया। इसमें शूटिंग, स्वीमिंग और कुश्ती शामिल है।
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फाउंडेशन का कहना है कि आतंकी ग्रुप बच्चों को युवावस्था से ही ट्रेनिंग देकर उन्हें हिंसा के रास्ते पर भेज रहा है। अगली पीढ़ी के लड़ाके बनाने के लिए जिन महिलाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है, वे आईएसआईएस से ही जुड़ी हुई हैं और वे पुरुष लड़ाकों की दूसरी या तीसरी बीवी हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसी माताओं को बच्चों को पालने के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। आतंकी ग्रुप द्वारा बच्चों को रात के वक्त शहादत की कहानी, जिहादी वेबसाइट्स पर ग्राफिक्स कंटेंट दिखाने और उन्हें खेल के लिए प्रोत्साहित करने के जैसे सुझाव दिए गए हैं।
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आतंकी बच्चों का इस्तेमाल सैनिक, मानव ढाल, मैसेंजर और गार्ड के रूप में कर रहे हैं। जो बच्चा आईएस विचारधारा को कम्यूनिकेट करने में अच्छा है, उसे आतंकी ग्रुप के मैसेज फैलाने और दूसरे को भर्ती करने का काम दिया जाता है। साथ ही बच्चों को मिलिट्री स्कील्स, विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग और आत्मघाती हमलावर बनने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
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