शनि ग्रह के अध्ययन व उसकी खगोलीय स्थितियों का पता लगाने के उद्देश्य से वहां गए नासा के कैसिनी मिशन के हालिया आंकड़े बताते हैं कि शनि के चंद्रमा पूर्व के सभी अनुमानों की तुलना में कहीं अधिक युवा हैं। वैज्ञानिकों ने पहली बार शनि ग्रह के लव नंबर को मापा है। लव नंबर में एक ग्रह की कठोरता और घनत्व को मापा जाता है। वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि शनि के चंद्रमा उस ग्रह से उम्मीद से कहीं ज्यादा गति से दूर हो रहे हैं। अमेरिका की कार्नेल यूनिवर्सिटी के शोधार्थी रैडवान टेजडाइन ने बताया, ‘कैसिनी मिशन के इन आंकड़ों से शनि ग्रह की प्रणाली को लेकर हमारे दृष्टिकोण अब बदल रहे हैं। हमारी पुरानी परिकल्पनाएं अब गलत साबित हो रही हैं।’ शनि पर तरल हाइड्रोजन और तरल हीलियम की बहुलता है।
इसके उभरे हुए कोर के बलों के कारण इसके चंद्रमा इससे थोड़ी दूर हो गए हैं। कोर ग्रह की अंदरूनी संरचना है। टेजडाइन ने बताया, ‘उसके दो मापदंड हैं- लव नंबर और क्षय कारक- जिन्हें अलग करना मुश्किल है।’ टेजडाइन यूरोप के उस वैज्ञानिक दल के सदस्य भी हैं जो कैसिनी के आंकड़ों का विश्लेषण करता है। उन्होंने कहा कि शनि के चंद्रमा अनुमान से कहीं अधिक गति से उससे दूर हो रहे हैं।
टेजडाइन ने कहा है कि शनि के ग्रहों की उत्पति अगर वास्तव में 4.5 अरब साल पहले हुई होती तो अभी उनकी मूल ग्रह से दूरी कहीं ज्यादा होती। पेरिस वेधशाला के वैलरी लेनी ने कहा, ‘शनि ग्रह के उपग्रहों को लेकर हमारी जो धारणा थी वह अब इस कैसिनी मिशन के अंतिम आंकड़ों के साथ बदल सकती है।’ यह अध्ययन खगोलीय पत्रिका इकारस में प्रकाशित हुआ है।
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What’s visible in the night sky this month? Mars and Neptune above the crescent moon, plus a New Year’s Eve comet! https://t.co/f0u639oVZL pic.twitter.com/XPLtcqSTvs
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