पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का कभी खास शागिर्द रहा आतंकी इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर की सोमवार को रावलपिंडी में हत्या कर दी गई। वारदात को आईएसआई के इशारे पर ही दूसरे आतंकियों ने अंजाम दी। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उस पर गोली चलाने वाले हमलावरों ने सोमवार की रात इस्लामाबाद के रावलपिंडी क्षेत्र में उस समय उसकी हत्या कर दी, जब वह एक दुकान के बाहर खड़ा था।
पाक खुफिया एजेंसी ISI से बिगड़ गये थे संबंध
पिछले कुछ महीनों से उसका आईएसआई से संबंध अच्छे नहीं चल रहे थे। जम्मू-कश्मीर में जितने भी आतंकी सक्रिय हैं उनमें सबसे बड़े संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का वह प्रमुख कमांडर था। उसकी जिम्मेदारियों में खास बात घुसपैठ कराने की थी। जम्मू-कश्मीर के अंदर पाकिस्तान से भेजे गए आतंकियों को वह सीमा पार कराने में मदद करता था। उसकी अपनी एक अलग टीम थी। इस टीम की मदद से वह जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को भड़काने, सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने और आतंकियों की सहायता करने के काम भी वह किया करता था। इससे आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में वह बड़ा नाम बनता जा रहा था।
अक्टूबर 2022 में केंद्र सरकार ने इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर को आतंकवादी घोषित किया था। उसे हिजबुल मुजाहिदीन का लांचिग कमांडर बताया गया था। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गृह मंत्रालय ने हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और कई दूसरे गैरकानूनी संगठनों के कुल 10 सदस्यों को आतंकवादी के रूप में घोषित किया गया है।
जिनको आतंकवादी घोषित किया गया था, उनमें हबीबुल्लाह मलिक उर्फ साजिद जट्ट, बासित अहमद रेशी, इम्तियाज अहमद कंडू उर्फ सज्जाद, जफर इकबाल उर्फ सलीम और शेख जमील-उर-रहमान उर्फ शेख साहब के नाम शामिल थे।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संरक्षण में ही वह आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हुआ था। आईएसआई के इशारे पर उसने सीमा पार कई वारदातों को अंजाम दिया था। जम्मू-कश्मीर में रहकर वह कई आतंकियों को आगे बढ़ाने में मदद करता रहा है।
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले मुजफ्फराबाद में हुई आतंकियों की बैठक में उसने आईएसआई की आलोचना कर दी थी। इसके अलावा आईएसआई के संरक्षण में पल रहे कुछ दूसरे आतंकियों के खिलाफ भी उसने भड़काऊ बातें कही थीं। इससे वह आईएसआई के निशाने पर आ गया था। सोमवार को उसकी हत्या के पीछे भी आईएसआई का हाथ बताया जा रहा है।