अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही टैरिफ का ऐलान किया, पूरी दुनिया में खलबली मच गई। अमेरिका ने चीन पर 145 फीसदी लगा दिया है। इसके बाद चीन ने इसका जवाब देते हुए उस पर 125 फीसदी टैरिफ लगाया। अब चीन ने एक बड़ा फैसला लिया है। चीन ने 7 कीमती धातुओं (Rare Earth Materials) के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है।
किन मेटल्स पर लगा प्रतिबंध?
बता दें कि यह सभी कीमती मेटल अमेरिका के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसका इस्तेमाल अमेरिका में मिसाइल के निर्माण, ऑयल रिफायनरी, आईटी इंडस्ट्री, केमिकल इंडस्ट्री समेत कई व्यवसायों में करते हैं। बता दें कि यह सभी रेयर अर्थ मेटल्स हैं, जो 17 एलिमेंट्स के ग्रुप में आते हैं। जिन 7 कीमती धातुओं पर चीन ने एक्सपोर्ट पर रोक लगाई है, उनके नाम समेरियम, गैडोलीनियम, टर्बीयम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम और इट्रियम है।
स्कैंडियम क्यों जरूरी?
अमेरिका के लिए स्कैंडियम इसलिए जरूरी है क्योंकि इसका इस्तेमाल जहाज के पार्ट्स, हथियार और सेमीकंडक्टर में होता है। ऐसे में यह अमेरिका के लिए काफी जरूरी पदार्थ है और उसका इस्तेमाल अमेरिका मिसाइल्स में भी करता है। ऐसे में उसके लिए रक्षा की दृष्टि से भी स्कैंडियम को चीन से हासिल करना बहुत जरूरी है।
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समेरियम पर भी रोक
समेरियम अमेरिका के लिए इसलिए जरूरी है क्योंकि इसका इस्तेमाल टर्बाइन, इलेक्ट्रिक मोटर में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मिसाइल गाइडेंस सिस्टम में भी किया जाता है। ऐसे में रक्षा की दृष्टि से समेरियम का भी अमेरिका के पास होना काफी जरूरी है। इसकी खासियत यह है कि इस मेटल से बने चुंबक हाई टेंपरेचर में भी अपनी मजबूती नहीं होते हैं।
टर्बियम-डिस्प्रोसियम के एक्सपोर्ट पर भी रोक
चीन ने टर्बियम के एक्सपोर्ट पर भी रोक लगाई है। यह फास्फोर के रूप में होता है और अमेरिका में बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल स्मार्टफोन में किया जाता है। वहीं सेंसर और हाई-फाई स्पीकर में भी टर्बियम का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अमेरिका के लिए यह भी जरूरी है। वहीं चीन ने डिस्प्रोसियम के एक्सपोर्ट पर भी रोक लगाई है। इसका इस्तेमाल परमाणु रिएक्टर्स में कंट्रोल रॉड्स और लेजर के सामानों में किया जाता है। बता दें कि चीन ने यट्रियम के एक्सपोर्ट पर भी रोक लगाई है। इसका इस्तेमाल लेजर, रडार सिस्टम और जेट विमानो की ऊपरी परत बनाने में होता है।