तालिबान ने उत्तरी अफग़ानिस्तान में हत्या के दोषी एक व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से फांसी दी। सोमवार को आरोपी को एक स्टेडियम में हजारों लोगों के सामने मौत के घाट उतारा गया। यह तालिबान द्वारा पिछले 5 दिनों में दी जाने वाली तीसरी सार्वजनिक मौत की सज़ा है।
एक गवाह के अनुसार, फांसी उत्तरी जवजान प्रांत की राजधानी शिबिरघन शहर में भारी बर्फबारी के बीच हुई, जहां मारे गए व्यक्ति के भाई ने दोषी को राइफल से 5 बार गोली मारी। गवाह ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्टेडियम के चारों ओर सुरक्षा कड़ी थी। शख्स ने कहा कि उसे मीडिया से बात करने के लिए कहा गया है।
तालिबान के सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से पांचवीं सार्वजनिक फांसी
अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से यह पांचवीं सार्वजनिक फांसी थी। तालिबान ने, अधिक उदार शासन के शुरुआती वादों के बावजूद, सत्ता में आने के कुछ ही समय बाद सार्वजनिक रूप से कड़ी सजाएं देना शुरू कर दिया, जिनमें फांसी, कोड़े मारने और पत्थरबाजी की सजाएं शामिल हैं। यह सजाएं 1990 के दशक के अंत में अफग़ानिस्तान पर उनके पिछले शासन के दौरान की सजाओं के समान हैं।
सर्वोच्च अदालतों और तालिबान के सर्वोच्च नेता की मंजूरी के बाद दी गई सजा
इस सार्वजनिक सजा के बाद तालिबान सरकार के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। तालिबान के सर्वोच्च न्यायालय ने एक बयान में कहा कि सोमवार को आरोपी को दी गयी मौत की सजा देश की तीन सर्वोच्च अदालतों और तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा की मंजूरी के बाद दी गई। इसमें कहा गया है कि फांसी पर लटकाए गए व्यक्ति की पहचान फरयाब प्रांत के बिलचेराघ जिले के नजर मोहम्मद के रूप में हुई है। आरोपी को फरयाब के ही खल मोहम्मद की हत्या का दोषी ठहराया गया था। हत्या जौजजान में हुई थी।
इससे पहले दक्षिणपूर्वी गजनी प्रांत में गुरुवार को तालिबान ने अपने पीड़ितों की चाकू मारकर हत्या करने के दोषी दो लोगों को फांसी दी थी। पीड़ितों के रिश्तेदारों ने एक स्टेडियम में दोनों व्यक्तियों पर बंदूकें चलाईं जबकि हजारों लोग देख रहे थे।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने बयानों में कहा गया है कि वीकेंड में उत्तरी बल्ख प्रांत में बलात्कार के दोषी एक पुरुष और एक महिला को 35-35 कोड़े मारे गए। पूर्वी लघमान प्रांत में भी दो अन्य लोगों को अनैतिक कार्य करने के लिए 30-30 कोड़े मारे गए। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से सार्वजनिक हत्याओं, कोड़े मारने और पथराव करने के लिए तालिबान की कड़ी आलोचना की है और देश के शासकों से ऐसी प्रथाओं को रोकने के लिए कहा है।