श्रीलंका में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच केंद्रीय बैंक के गवर्नर पी. नंदलाल वीरसिंघे ने चेतावनी दी है कि “अगले दो दिन में नई सरकार सत्ता नहीं संभालती है तो अर्थव्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगी और उसे कोई भी नहीं संभाल सकेगा।”

राजधानी कोलंबो में मीडिया से बात करते हुए नंदलाल वीरसिंघे ने कहा कि देश के हालात को पटरी पर लाने के लिए राजनीतिक स्थिरता बेहद जरूरी है। वीरसिंघे एक महीने पहले ही देश के केंद्रीय बैंक ‘सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका’ के गवर्नर का पद संभाले हैं। वीरसिंघे ने स्पष्ट शब्दों में यह भी कहा कि हालात नहीं बदले तो वे दो सप्ताह बाद पद छोड़ देंगे।

देश में आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपने भाई महिंदा राजपक्षे के प्रधान मंत्री के रूप में पद छोड़ने के बाद एक नया मंत्रिमंडल नियुक्त करने की कसम खाई। टेलीविजन पर देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा, “मैं एक हफ्ते में नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने के लिए कदम उठा रहा हूं, जिसका संसद में बहुमत का भरोसा हो, जो लोगों का विश्वास जीत सकता है और मौजूदा स्थिति को नियंत्रित करने, नया मंत्रिमंडल गठित करने और देश को अराजकता की ओर बढ़ने से रोकने में सक्षम हो तथा सरकार चला सके।”

उन्होंने कहा, “राजपक्षे के किसी सहयोगी के बिना मैं एक युवा कैबिनेट नियुक्त करूंगा।” राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद सोमवार को हुई अभूतपूर्व हिंसा पर भी बोले। उन्होंने कहा, “हत्या, हमले, डराने-धमकाने, संपत्ति को नष्ट करने और उसके बाद की जघन्य कृत्यों की श्रृंखला को बिल्कुल भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है।”

उन्होंने कहा कि पुलिस और तीनों सशस्त्र बलों को “हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू करने” का आदेश दिया गया है। वे सोमवार की हिंसा की घटनाओं में शामिल रहे लोगों का पता लगाने के लिए जांच करेंगे।

इस बीच पूर्व प्रधान मंत्री, महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार को त्रिंकोमाली नौसेना बेस ले जाया गया है, जहां सोमवार को हिंसक झड़पों के दौरान उनके निजी आवास में आग लगाए जाने के बाद उन्हें सुरक्षा में रखा जा रहा है। रक्षा सचिव जनरल (सेवानिवृत्त) कमल गुणरत्ने ने कहा, ‘वह वहां हमेशा नहीं रहेंगे। स्थिति सामान्य होने के बाद, उन्हें उनकी पसंद के निवास या स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।”

चूंकि कोलंबो की सड़कों पर और देश भर में विभिन्न चौकियों पर सैनिकों को तैनात किया गया है, रक्षा सचिव ने सैन्य अधिग्रहण की अटकलों का भी खंडन किया। एक संवाददाता सम्मेलन में गुणरत्ने ने कहा “हमारे किसी भी अधिकारी की सरकार संभालने की इच्छा नहीं है। यह हमारे देश में कभी नहीं हुआ है, और इसे यहां करना आसान नहीं है।”