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Bangladesh Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की गठबंधन पार्टी के ढाका स्थित मुख्यालय में गुरुवार रात झड़पों के दौरान तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार्यालय आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया।
दिवंगत राष्ट्रपति हुसैन मुहम्मद इरशाद द्वारा स्थापित जातीय पार्टी जो अवामी लीग के नेतृत्व वाले ग्रैंड अलायंस का हिस्सा थी, और प्रमुख पार्टी बीएनपी के बहिष्कार के बावजूद पिछले तीन आम चुनावों में भाग लिया था।
शेख हसीना के खिलाफ प्रदर्शनकारी उस समय भड़क गए जब जातीय पार्टी ने घोषणा की कि वह शनिवार को ढाका में एक रैली आयोजित करेगी। झड़पें तब शुरू हुईं जब छात्र श्रमिक जनता के बैनर लेकर प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका के हृदय स्थल काकरैल इलाके में जातीय पार्टी के केंद्रीय कार्यालय के सामने मशाल जुलूस निकाला।
अग्निशमन सेवा ने तुरंत कार्रवाई की और आग बुझा दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों द्वारा जातीय पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ करने, पार्टी के संस्थापक इरशाद की तस्वीर को नुकसान पहुंचाने और पार्टी के साइनबोर्ड को क्षतिग्रस्त करने के बाद प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पार्टी कार्यालय के सामने इकट्ठा हो गया। घटनास्थल पर पुलिस और सैन्य कर्मियों को तैनात किया गया था।
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हालांकि, अभी तक ढाका में जातीय पार्टी कार्यालय पर हुए हमले की जिम्मेदारी तत्काल किसी ने नहीं ली है। टीवी स्टेशनों और अन्य मीडिया ने कहा कि हमलावरों ने ढाका के बिजॉय नगर क्षेत्र में पार्टी मुख्यालय पर धावा बोला, वहां मौजूद पार्टी सदस्यों से झड़प की और अंत में परिसर में आग लगा दी। कितना नुकसान हुआ है अभी इस बात का पता नहीं चल सका है।
एपी की रिपोर्ट के अनुसार, फायर सर्विस और सिविल डिफेंस के अधिकारी रशीद बिन खालिद के अनुसार, दमकलकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे। बिन खालिद ने एसोसिएटेड प्रेस से फोन पर बात की, लेकिन उन्हें कोई और जानकारी नहीं मिली। जातीय पार्टी बांग्लादेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। इसकी स्थापना 1980 के दशक में पूर्व सैन्य तानाशाह एचएम इरशाद ने की थी।
छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला ने फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि जातीय पार्टी “एक राष्ट्रीय गद्दार” है। अब्दुल्ला भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन से जुड़े हैं। जिसने जुलाई में विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था। उन्होंने छात्रों से ढाका विश्वविद्यालय में इकट्ठा होने और जातीय पार्टी मुख्यालय की ओर मार्च करने का भी आग्रह किया।
पार्टी के महासचिव मुजीबुल हक चुन्नू ने हमले के लिए छात्रों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि लोग देख रहे हैं कि वे हमारे साथ क्या कर रहे हैं।” “यह सोशल मीडिया पर लाइव है … वे इसे सार्वजनिक रूप से, खुलेआम कर रहे हैं।”
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हसीना की बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी ने 2009 से 15 वर्षों तक देश पर शासन किया। उनके आलोचकों का कहना है कि जातीय पार्टी ने हसीना के शासन को लोकतंत्र का मुखौटा पहनाने का काम किया है, क्योंकि अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनावों में हिस्सा नहीं लिया।
छात्रों के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के सरकार विरोधी आंदोलन में तब्दील हो जाने के बाद हसीना 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत चली गईं। इस हिंसा में सैकड़ों छात्र, सुरक्षा अधिकारी और अन्य लोग मारे गए। बाद में हसीना के समर्थकों सहित सैकड़ों लोग दक्षिण एशियाई राष्ट्र में बदला लेने के लिए किए गए हमलों या भीड़ की हिंसा में मारे गए। अब जुलाई और अगस्त में हुई हत्याओं के लिए उन पर गिरफ्तारी वारंट जारी है।
बाद में बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने अगस्त में छात्र समूह और देश की प्रभावशाली सेना द्वारा समर्थित अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला। हालांकि, उनके प्रशासन को व्यवस्था बहाल करने में संघर्ष करना पड़ा है।