Bangladesh Political Conflict: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के देश छोड़कर जाने के बाद रविवार को उनकी पार्टी अवामी लीग ने ढाका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार भड़क उठी। अंतरिम सरकार ने शनिवार को कहा कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी को रैली की इजाजत नहीं देगी। इतना ही नहीं अवामी लीग को फासीवादी तक बता दिया।
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अंतरिम सरकार देश में किसी भी हिंसा या कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “अवामी लीग एक फासीवादी पार्टी है। इस फासीवादी पार्टी को बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
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अवामी लीग ने विरोध-प्रदर्शन का किया था आह्वान
शफीकुल आलम ने वॉर्निंग देते हुए कहा कि जो कोई भी शेख हसीना के आदेश पर रैली, सभा और जुलूस निकालने की कोशिश करेगा, उसे कानून लागू करने वाली एजेंसियों की पूरी ताकत का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि आलम का यह बयान अवामी लीग के विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद में आया है। अवामी लीग ने एक बयान जारी कर कहा था, ‘हमारा विरोध देश के लोगों के अधिकारों को छीनने के खिलाफ है। कट्टरपंथी ताकतों के उदय के खिलाफ है। हम आप सभी से आग्रह करते हैं कि आप इस मौजूदा शासन के कुशासन के खिलाफ विरोध करने के लिए अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ें।’
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खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रहमान ने कहा कि निर्वासित तानाशाहों के सहयोगी अब भी देश-विदेश और शासन-प्रशासन में मौजूद हैं और अंतरिम सरकार को हिलाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस अंतरिम सरकार को किसी भी हाल में अस्थिर नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार को लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए।
शेख हसीना को छोड़ना पड़ा बांग्लादेश
गौरतलब है कि कुछ टाइम पहले ही मोहम्मद यूनुस की सरकार ने अवामी लीग की स्टूडेंट विंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। बांग्लादेश में शुरू में नौकरी कोटा सुधारों के लिए एक अभियान के रूप में शुरू किया गया, छात्र नेतृत्व वाला आंदोलन एक बड़े पैमाने पर विरोध में बदल गया। इसकी वजह से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का सरकार गिर गई और उनको देश छोड़कर भारत आना पड़ा।