Bangladesh News: बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण बताया है। साथ ही कहा कि यूनुस सरकार चिन्मय दास को तत्काल रिहा करे।
बांग्लादेश की कोर्ट के बाहर एक वकील की हत्या पर हसीना ने कहा कि इस हत्या में शामिल लोगों को जल्द से जल्द ढूंढकर दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने वकील की हत्या में शामिल लोगों को आतंकवादी कहा और बांग्लादेश के लोगों से आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।
शेख हसीना ने कहा कि अगर असंवैधानिक रूप से सत्ता हथियाने वाली यूनुस सरकार इन आतंकवादियों को दंडित करने में विफल रहती है, तो उसे मानवाधिकार उल्लंघन के लिए भी सजा भुगतनी होगी। मैं देश के लोगों से इस तरह के आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील करती हूं।
हसीना की ओर से अवामी लीग द्वारा जारी बयान में उन्होंने आगे कहा कि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। मौजूदा सत्ता हथियाने वाले सभी क्षेत्रों में विफल साबित हो रहे हैं। पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कहा कि सरकार ने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होने का फैसला किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सनातन धर्मावलंबी को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है। उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चटगांव में एक मंदिर को जला दिया गया है। इससे पहले अहमदिया समुदाय की मस्जिदों, दरगाहों, चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई और लूटपाट की गई। सभी समुदायों के लोगों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इससे पहले दिन में बांग्लादेश हाई कोर्ट ने बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने के लिएआदेश जारी करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब उसे बताया गया कि अधिकारियों ने मामले के संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं। बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के वकील मोहम्मद मोनिर उद्दीन ने बुधवार को हाई कोर्ट में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के बारे में समाचार पत्र की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें संगठन पर प्रतिबंध लगाने और चटगांव, रंगपुर और दिनाजपुर में धारा 144 लगाने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया गया।
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