Bangladesh News: पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में 5 अगस्त 2024 को हुए तख्तापलट के बाद आखिरी बार दो सूटकेस के साथ शेख हसीना को बांग्लादेश में देखा गया था। इसके बाद वह स्वदेश छोड़ भारत आ गई थीं। उन्हें भारत में आए 100 दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन वह कहां हैं इसको लेकर अभी तक कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आई है।
बांग्लादेश में सरकार बदल चुकी है और अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में प्रशासन लगातार शेख हसीना की पार्टी के लोगों को निशाना बना रहा है। इसके चलते आवामी पार्टी के कार्यकर्ता भी अब आंदोलन करने लगे हैं। दूसरी ओर शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर मुहम्मद यूनुस सरकार प्रया कर रही है।

इंटरपोल की मदद लेने की कोशिश में मुहम्मद यूनुस सरकार
बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन के सपोर्ट से भारत पर दबाव बनाने की नीति बनाई थी लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के जीतने के बाद यूनुस सरकार की उम्मीदों पर पानी फिर गया। हालांकि अब बांग्लादेशी सरकार शेख हसीना की वापसी के लिए इंटरपोल की मदद की कोशिश कर रही है।
इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस की मांग उठी
शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में गंभीर धाराओं में मुकदमे चल रहे हैं और उन आरोप यह भी है कि उन्होंने कई प्रदर्शनकारियों की हत्या भी करवाई है। ऐसे में मुहम्मद यूनुस सरकार शेख हसीना की वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है और अब उसने इंटरपोल से मांग की है कि उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाए, जिससे भारत पर शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपने का दबाव बढ़े।
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पहले भी भारत में रह चुकी हैं शेख हसीना
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक शेख हसीना दिल्ली में एक उच्च सुरक्षा वाले बंगले में रह रही हैं, जो एक सेफ हाउस के तौर पर जाना जाता है। बता दें कि शेख हसीना के लिए दिल्ली में रहना कोई नई बात नहीं है, क्योंकि 1975 में जब उनके पिता और बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के अन्य सदस्यों की हत्या कर दी गई थी, तब वह और उनकी बहन राष्ट्रीय राजधानी में ही रुके थे।
शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना छुट्टियां मनाने बाहर गई थीं। वे तख्तापलट की कोशिश कर रहे सैन्य अधिकारियों की गोलियों से बच गईं थीं। हसीना अपने बच्चों, पति और बहन के साथ 1975 से 1981 तक छह साल तक दिल्ली के पंडारा रोड में एक अलग पहचान के साथ रही थीं। वह बांग्लादेश लौटीं, एक राजनीतिक संघर्ष का नेतृत्व किया और प्रधानमंत्री बनीं।
भारत ने आने पर दिए गए थे सभी प्रोटोकॉल्स
इस बार जब वह तख्तापलट के चलते भारत आई हैं तो उनका पहला पड़ाव गाजियाबाद का हिंडन एयरबेस रहा। दिल्ली के बाहरी इलाके में मौजूद एयरबेस में वह C-130J विमान से उतरी थी। भारत सरकार ने उन्हें सभी प्रोटोकॉल भी दिए थे। सूत्र बताते हैं कि शेख हसीना की सुरक्षा के लिए एनएसजी के गार्ड्स लगाए गए थे, जबकि बाहरी सुरक्षा वायुसेना के पास थी।
हिंदुओं पर हमलों ने बढ़ाई मुहम्मद यूनुस की मुश्किलें
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, हसीना को अपने साथियों के साथ राजधानी के सबसे पॉश पार्कों में से एक लोधी गार्डन में टहलते हुए भी देखा गया है। अक्टूबर में एक रिपोर्ट दावा किया गया था कि वे दो महीनों से दिल्ली के ही लुटियंस बंगला जोन में रह रही थीं।
बांग्लादेशी कोर्ट ने जारी किया था वॉरंट
24 अक्टूबर की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक मुख्य सुरक्षा ग्रुप हर वक्त शेख हसीना की गतिविधियों पर सेफ हाउस में नजर रखता है। लगभग एक सप्ताह पहले, 18 अक्टूबर को, बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के लिए मानवता के खिलाफ अपराध में शामिल होने के आरोप में हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
शेख हसीना कहां हैं, इस बारे में विस्तृत और सटीक जानकारी तो किसी को नहीं है लेकिन यह माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में वापसी के चलते उनको राहत मिल गई है, क्योंकि इसके चलते बांग्लादेश आवामी लीग के कार्यकर्ताओं में कुछ जान सी आ गई है और माना यह जा रहा है कि ट्रंप के अमेरिकी सत्ता संभालने के साथ ही बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की सरकार कमजोर हो सकती है, या उसका रुख आवामी लीग के प्रति नर्म हो सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार यह भी बताते हैं कि बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार पर आम चुनाव करने का दबाव भी बनाया जाए, जिससे एक फिर लोकतांत्रिक तरीक से बांग्लादेश में प्रशासन कार्य कर सके। वहीं अगर चुनाव में आवामी लीग पार्टी की सत्ता में वापसी होती है, तो शेख हसीना के शान के साथ बांग्लादेश लौटने का रास्ता भी साफ हो सकता है।